भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में ‘उत्कर्ष ओडिशा : मेक इन ओडिशा कांक्लेव 2025’ के उद्घाटन सत्र में ग्रीन फ्यूचर की दिशा में काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कि तेजी से बदलती वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए हमें अपनी रणनीतियों में बदलाव लाना होगा। पर्यावरण संरक्षण और हरित ऊर्जा के लिए ओडिशा को एक आदर्श राज्य बनाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने ग्रीन एनर्जी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि “सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और हाइड्रोजन जैसे ऊर्जा स्रोतों पर फोकस करने का समय आ गया है। ग्रीन भविष्य न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि ग्रीन जॉब्स के माध्यम से युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा।
ग्रीन एनर्जी पर फोकस
प्रधानमंत्री ने कहा कि ओडिशा में ग्रीन एनर्जी के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं। यहां सौर और पवन ऊर्जा के उत्पादन के लिए विशाल संभावनाएं हैं। राज्य को इस दिशा में तेजी से काम करना होगा ताकि आने वाले वर्षों में यह हरित ऊर्जा का प्रमुख केंद्र बन सके।
ग्रीन जॉब्स के अवसर
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में निवेश से ग्रीन जॉब्स के अवसर बढ़ेंगे। सौर पैनल निर्माण, पवन ऊर्जा संयंत्र और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन जैसी गतिविधियों से युवाओं को रोजगार मिलेगा। राज्य को इस दिशा में विशेष पहल करनी चाहिए।
बदलती दुनिया के साथ बदलें
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि “जैसे-जैसे दुनिया ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रही है, हमें भी अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा। ओडिशा को ग्रीन भविष्य की दिशा में एक मॉडल राज्य के रूप में विकसित किया जा सकता है।
निजी और सरकारी भागीदारी की आवश्यकता
प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र से इस दिशा में आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार हर संभव सहयोग देगी, लेकिन निजी क्षेत्र की भागीदारी से ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में तेजी से विकास संभव होगा।
नए प्रयास शुरू होने की उम्मीद
प्रधानमंत्री मोदी के इस आह्वान से ओडिशा में ग्रीन फ्यूचर की दिशा में नए प्रयास शुरू होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि सौर, पवन और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे ऊर्जा स्रोतों के विकास से राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
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