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20236 तक समृद्ध ओडिशा गठन पर रखा है पूरा फोकस
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निवेश की हर राशि को जमीन पर उतारने को कसी है कमर
भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व में ओडिशा सरकार ने राज्य को एक नए आर्थिक युग की ओर ले जाने का संकल्प लिया है। सरकार ने 20236 तक ‘समृद्ध ओडिशा’ के लक्ष्य को प्राप्त करने पर पूरा फोकस किया है, जिसमें राज्य को निवेश, उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करना प्राथमिक उद्देश्य है।
माझी सरकार ने पिछले दिनों में बड़े निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति देकर राज्य में औद्योगिक विकास की गति को तेज किया है। ‘उत्कर्ष ओडिशा – मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025’ जैसे कार्यक्रम इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि निवेश के हर प्रस्ताव को केवल कागजों तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि उसे जमीन पर उतारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
राज्य में 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें आईटी, नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, पेट्रोकेमिकल्स, खाद्य प्रसंस्करण, और जहाज निर्माण जैसे रोजगार सृजित करने वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है।
माझी सरकार का ध्यान केवल निवेश तक सीमित नहीं है, बल्कि उसका मुख्य उद्देश्य बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित करना है।
‘समृद्ध ओडिशा’ की परिकल्पना
मुख्यमंत्री माझी ने कहा है कि हमारा उद्देश्य ओडिशा को न केवल औद्योगिक रूप से विकसित करना है, बल्कि इसे समृद्धि और रोजगार का केंद्र बनाना है। हमारा लक्ष्य है कि ओडिशा 20236 तक भारत के शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो।
राज्य सरकार का ध्यान हरित और सतत विकास पर है। औद्योगिक नीतियों में सुधार, बेहतर आधारभूत संरचना और निवेशकों को सहूलियत देने के लिए एकल खिड़की प्रणाली को सुदृढ़ किया गया है।
ओडिशा को मिल रही नई पहचान
पिछले छह महीनों में ओडिशा ने 2.4 लाख करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी देकर देश में अपनी औद्योगिक पहचान को और मजबूत किया है। माझी सरकार के नेतृत्व में, ओडिशा न केवल एक निवेश गंतव्य के रूप में उभर रहा है, बल्कि समृद्धि और सतत विकास की दिशा में भी अग्रसर है।
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