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पटथन में 6,000 महिलाएं साड़ी पहनकर दौड़ीं
भुवनेश्वर। कीट एवं कीस के संस्थापक अच्युत सामंत के संरक्षण में ‘सभी के लिए शिक्षा’ के उद्देश्य से हर साल ओडिशा के सभी जिलों और भारत के विभिन्न शहरों में एक मिनी मैराथन का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी ओडिशा में 55 स्थानों पर यह मैराथन आयोजित की गई। इसके तहत भुवनेश्वर में एक अनोखा ‘पाटाथन’ का आयोजन किया गया। सुबह 7 बजे से 8 बजे तक चले पाटाथन के दूसरे संस्करण में 6,000 महिलाओं ने पाट (सिल्क व बनारसी) साड़ी पहनकर दौड़ लगाई। ‘महिला सशक्तिकरण’ और ‘सभी के लिए शिक्षा’ के उद्देश्य से हर साल ‘पाटाथन’ का आयोजन किया जाता है। कीट, कीस और कीम्स यूनिवर्सिटी की 5000 महिला कर्मचारियों और राज्य के विभिन्न हिस्सों से आई महिलाओं ने दौड़ में भाग लिया। महिलाओं ने शिखर चंडी मंदिर चौक से कीस एथलेटिक स्टेडियम तक दौड़ लगाई।
राउरकेला की किरण महतो ने 50,000 रुपये का प्रथम पुरस्कार जीता, जबकि कटक की तेजस्विनी और सस्मिता बेहरा ने क्रमशः 40,000 रुपये और 30,000 रुपये का दूसरा और तीसरा पुरस्कार जीता। इसी प्रकार, सात उपविजेताओं को 10-10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया, जबकि सभी विजेताओं को ट्रॉफी प्रदान की गई। यह कार्यक्रम कीट के-3 महिला क्लब द्वारा आयोजित किया गया था।
आज के कार्यक्रम में ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी, बीएमसी मेयर सुलोचना दास, पार्षद प्रीतिनंदा राउतराय, एथलीट अनुराधा बिस्वाल, संस्थापक अच्युत सामंत, कीट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शरणजीत सिंह, रजिस्ट्रार प्रोफेसर ज्ञान रंजन मोहंती प्रमुख रूप से उपस्थित थे, जिन्होंने महिलाओं को प्रोत्साहित किया और पुरस्कृत किया। इस पटथन का आयोजन वर्ष २०१६ से लगातार आयोजित किया जा रहा है, जिसमें हर शाल हजारों के संख्या में ख़ास कर महिलाएं भाग लेती हैं। इसका उद्देश्य ‘सभी के लिए शिक्षा’ के बारे में जन जागरूकता पैदा करना है।