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हृदय से हृदय को जोड़ने निकली एकात्मता यात्रा भुवनेश्वर पहुंची

  • अंतर्राज्यीय छात्र जीवन दर्शन कार्यक्रम के तहत पूर्वोत्तर के 29 छात्र-छात्राएं भुवनेश्वर पहुंचे

भुवनेश्वर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित अंतर्राज्यीय छात्र जीवन दर्शन कार्यक्रम के तहत पूर्वोत्तर भारत के 29 छात्र कल भुवनेश्वर पहुंचे। गुवाहाटी से ट्रेन के माध्यम से भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद उनका भव्य स्वागत किया गया। पूर्वोत्तर भारत के इस प्रतिनिधि दल में असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, मिज़ोरम, मणिपुर, त्रिपुरा और सिक्किम के छात्र शामिल हैं।
कार्यक्रम के संयोजक अरिजीत पटनायक व अन्य पदाधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक छात्र को एक-एक परिवार में ठहराया गया है। तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान ये छात्र ओडिशा के विभिन्न विश्वविद्यालयों का दौरा करेंगे और कुलपतियों के साथ चर्चा करेंगे और ओडिशा की ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे।
आगामी 26 जनवरी की शाम 6 बजे भुवनेश्वर महानगर द्वारा एक नागरिक सम्मान उत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसमें विभिन्न विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित होकर सील प्रतिनिधियों को सम्मानित करेंगे। इस दौरान विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों का आदान-प्रदान होगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया जाएगा कि भारत में रहने वाला हर व्यक्ति एक परिवार का हिस्सा है और हम सभी भारत माता के संतान हैं।
गुवाहाटी से आए इस प्रतिनिधि दल के संयोजक सितु वैश्य और सह-संयोजक पापन दास ने जानकारी दी कि गुवाहाटी से पूर्वोत्तर राज्यों के कुल 8 दल देश के विभिन्न राज्यों में इस कार्यक्रम के तहत पहुंचे हैं। उत्तर-पूर्व राज्यों के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर इन प्रतिनिधि दलों का नामकरण किया गया है। सभी दल 20 दिनों तक पूरे भारत का भ्रमण करेंगे और अंत में फिर गुवाहाटी लौटेंगे। इसे हृदय से हृदय को जोड़ने वाली एकात्मता यात्रा कहा गया है।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों की भाषाएं, पहनावा और संस्कृति भले ही अलग हो, लेकिन हम सभी भारत माता के संतान हैं। इस संदेश को फैलाने के उद्देश्य से यह यात्रा आयोजित की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि 1962 के चीन-भारत युद्ध के बाद चीन द्वारा उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लोगों के बीच अलगाववाद की भावना फैलाने के प्रयासों को दूर करने और उन्हें यह विश्वास दिलाना है कि भारत एक परिवार है। 1966 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रयासों से अंतर्राज्यीय छात्र जीवन दर्शन कार्यक्रम शुरू किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लोगों को भारत के अन्य राज्यों की संस्कृति और इतिहास से परिचित कराना है।

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