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राज्यभर में छूटे हुए लाभार्थियों को किया जायेगा शामिल
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पंचायती राज मंत्री रवि नारायण नायक ने अर्जुनसिंहपुर गांव में सर्वे का औपचारिक शुभारंभ किया
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत राज्यभर में पात्र लाभार्थियों की पहचान और सहायता के लिए एक व्यापक आवास सर्वे शुरू किया है।
पंचायती राज मंत्री रवि नारायण नायक ने शुक्रवार को पुरी जिले के पिपिलि ब्लॉक के जसुआपुर ग्राम पंचायत के अर्जुनसिंहपुर गांव में इस सर्वे का औपचारिक शुभारंभ किया।
उद्घाटन के दौरान मंत्री ने लाभार्थियों से बातचीत की और सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
यह सर्वे मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाएगा और इसमें पात्रता मानदंड को संशोधित किया गया है, ताकि अधिक लोगों को योजना का लाभ मिल सके। अब दोपहिया वाहन, रेफ्रिजरेटर और लैंडलाइन फोन रखने वाले परिवार भी आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, परिवार की मासिक आय सीमा को बढ़ाकर 15,000 कर दिया गया है, जिससे यह योजना निम्न और मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए अधिक सुलभ हो गई है।
सर्वे में उन व्यक्तियों को भी शामिल किया जाएगा जो अपने परिवारों से अलग रह रहे हैं। इसमें माता-पिता या जीवनसाथी से अलग रहने वाले लोग शामिल हैं। इसके साथ ही, जो लोग पहले आवेदन कर चुके थे लेकिन अभी तक उन्हें आवंटन नहीं मिला है, वे भी इस सर्वे के दौरान फिर से आवेदन कर सकते हैं।
ऑफलाइन और ऑनलाइन करें आवेदन
आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अब लाभार्थी ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं। सर्वे के पहले दिन एक ऑनलाइन पोर्टल भी सक्रिय किया जाएगा, जिससे डिजिटल आवेदन किए जा सकेंगे। इसके अतिरिक्त, सरकार ने आवेदन शुल्क समाप्त कर दिया है ताकि अधिक से अधिक पात्र लोग आवेदन कर सकें।
सर्वे छह से आठ हफ्तों तक चलेगा
मंत्री नायक ने कहा कि यह सर्वे छह से आठ हफ्तों तक चलेगा और इसका उद्देश्य योजना के तहत देशभर में मकानों की संख्या को दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ करना है। ओडिशा में सर्वे का मुख्य फोकस उन निवासियों की पहचान पर होगा जो पहले छूट गए थे। साथ ही, 50,963 लंबित आवेदनों का निपटारा भी इस नए सर्वे के तहत किया जाएगा।
28.25 लाख घरों को मंजूरी
अब तक, ओडिशा में पीएमएवाई के तहत 28.25 लाख घरों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से लगभग 23 लाख मकान बनकर तैयार हो चुके हैं। यह सर्वे छूटे हुए लाभार्थियों को शामिल कर आवास उपलब्ध कराने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा।