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  • कोविड के नाम पर शर्ट के रंग और सबूत जलाने पर उठे सवाल

भुवनेश्वर। पूर्व मंत्री नव दास की हत्या के मामले में जांच को गुमराह करने और सबूतों को नष्ट करने की साजिश का दावा किया गया है। ताजा खुलासों में न केवल खून से सनी शर्ट के रंग में बदलाव का मामला सामने आया है, बल्कि उनकी खून से सनी शर्ट को कोविड-19 नियमों का बहाना बनाकर जलाने का आरोप भी लगा है।
मीडिया खबरों में दावा किया गया है कि हत्या के समय का प्रमुख गवाह शुभेंदु पटनायक की पीली शर्ट जब्त की गई थी, जिसे पुलिस की रिपोर्ट में सफेद दिखाया गया। इससे जांच की प्रामाणिकता पर गंभीर सवाल उठे हैं।
इसके अलावा, नव दास की खून से सनी शर्ट को अस्पताल में जला दिया गया। अस्पताल प्रबंधन ने दावा किया कि यह कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत किया गया था, लेकिन ओडिशा में कोविड-19 नियम 19 नवंबर 2022 को ही हटा दिए गए थे, जबकि नव दास की हत्या 29 जनवरी 2023 को हुई थी।
मामला भटकाने की साजिश पर उठते सवाल
जांच रिपोर्ट में खून से सनी शर्ट का रंग बदलने के कारण को लेकर सवाल उठे हैं। साथ ही शर्ट जलाने का आदेश किसने दिया, यह भी सवाल के घेरे में है। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या क्राइम ब्रांच या अन्य किसी ने साजिशन सबूत नष्ट किए और क्या अस्पताल भी इस साजिश में शामिल है? क्या हत्या के पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र है और कौन-कौन इसमें शामिल हो सकते हैं?
जांच की निष्पक्षता पर सवाल हुए खड़े
हत्या के बाद गोली के कारतूस गायब होना, शर्ट का जलाया जाना, और शर्ट के रंग में बदलाव जैसे मामलों ने जांच की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नव दास के परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की है, जबकि क्राइम ब्रांच द्वारा अब तक इन विसंगतियों पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है।
बड़े षड्यंत्र का शक
इन दावों के बाद यह चर्चा है कि नव दास की हत्या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकती है। लोगों की नजरें जांच एजेंसियां के इन सवालों के जवाब पर टिकी है।

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By desk

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