Home / Odisha / साहित्य समाज का प्रतिबिंब, जलवायु परिवर्तन पर साहित्यकार उठाएं आवाज: राज्यपाल

साहित्य समाज का प्रतिबिंब, जलवायु परिवर्तन पर साहित्यकार उठाएं आवाज: राज्यपाल

  • कहा- तलवार से अधिक शक्तिशाली है कलम

भुवनेश्वर। साहित्य समाज का सजीव प्रतिबिंब होता है और यह समाज, संस्कृति, पर्यावरण और जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने के साथ-साथ उनके सुधार और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने भुवनेश्वर में आयोजित 8वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी में “भारत की भाषाओं, साहित्य और संस्कृति पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव” और बहुभाषी कवि सम्मेलन के अवसर पर साहित्यकारों और कवियों से जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर विषय पर अपनी आवाज बुलंद करने की अपील की।
राज्यपाल ने कहा कि साहित्यकार अपनी लेखनी के माध्यम से समाज और पर्यावरण के बीच सामंजस्य स्थापित करने की दिशा में कार्य कर सकते हैं। उन्होंने इस तथ्य को दोहराया कि “कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है” और इसे समय की मांग बताया कि कवि और साहित्यकार पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, और प्राणी जगत को स्वस्थ रखने के लिए जन-जागृति पैदा करें।
संगोष्ठी के दौरान राज्यपाल ने भारतीय भाषाओं और साहित्य के अद्भुत इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय साहित्य और संस्कृति में पर्यावरणीय चेतना हमेशा से समाहित रही है।
राज्यपाल ने कवि सम्मेलन में मौजूद साहित्यकारों और कवियों से आग्रह किया कि वे जलवायु परिवर्तन के विषय को अपनी रचनाओं का केंद्र बनाएं। उन्होंने कहा कि आपकी लेखनी में वह ताकत है जो समाज को जागरूक कर सकती है। आपकी रचनाएं न केवल वर्तमान पीढ़ी को प्रेरित करेंगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत आधार भी तैयार करेंगी।
उन्होंने कहा कि कवियों की जिम्मेदारी है कि वे अपने सृजन के माध्यम से पर्यावरणीय चेतना को जन-जन तक पहुंचाएं। उन्होंने संगोष्ठी में भाग लेने वाले सभी साहित्यकारों से आह्वान किया कि वे जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों को रचनात्मक रूप से प्रस्तुत करें और इसे समाज के हर वर्ग तक ले जाएं।

Share this news

About desk

Check Also

IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

भक्त कवि मधुसूदन राव को मुख्यमंत्री ने किया स्मरण

भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने भक्तकवि मधुसूदन राव को जयंती के अवसर पर स्मरण …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *