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एनटीयू सिंगापुर और आईआईटी भुवनेश्वर के साथ ऐतिहासिक समझौता
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उद्योगों के डीकार्बोनाइजेशन और नवीकरणीय ऊर्जा विकास की दिशा में बड़ा कदम
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समझौता हस्ताक्षर समारोह में सिंगापुर के राष्ट्रपति माननीय श्री थरमन शनमुगरत्नम और ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी की उपस्थिति में संपन्न हुआ
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर।
ओडिशा सरकार के ऊर्जा विभाग ने नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू), सिंगापुर और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), भुवनेश्वर के साथ एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में अत्याधुनिक शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के साथ ऊर्जा क्षेत्र में कार्यबल की क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है।
यह पहल ओडिशा के “विकसित ओडिशा” दृष्टिकोण और भारत के 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल करने के दृष्टिकोण के साथ जुड़ी है। इसका उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा नवाचार में ओडिशा को अग्रणी बनाना, डीकार्बोनाइजेशन और ऊर्जा सुरक्षा के प्रमुख मुद्दों को संबोधित करना और भारत की ऊर्जा परिवर्तन यात्रा में योगदान देना है।
इस साझेदारी के तहत सोलर, विंड, हाइड्रो और वेस्ट-टू-एनर्जी प्रौद्योगिकियों में उन्नत समाधान विकसित किए जाएंगे। साथ ही बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS), पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स (PSP) और ग्रीन हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों में नवाचार की खोज की जाएगी। इसके अलावा, माइक्रोग्रिड टेक्नोलॉजी, ऊर्जा-कुशल भवन डिजाइन, ग्रिड एकीकरण रणनीतियों और जलवायु विज्ञान में शोध को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
कार्यबल विकास इस साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके तहत पेशेवर प्रशिक्षण कार्यक्रम और छात्र व संकाय विनिमय अवसर शामिल होंगे। इसका उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक वैश्विक प्रतिस्पर्धी कार्यबल तैयार करना है।
यह समझौता भारत और सिंगापुर के बीच 60 वर्षों के कूटनीतिक संबंधों का जश्न मनाने के लिए 14 से 18 जनवरी, 2025 तक भारत यात्रा पर आए सिंगापुर के राष्ट्रपति माननीय श्री थरमन शनमुगरत्नम की यात्रा के दौरान हुआ। सिंगापुर ने ओडिशा के प्रमुख कार्यक्रम उत्कर्ष ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 (28-29 जनवरी) के पहले देश भागीदार के रूप में भी अपनी भागीदारी की घोषणा की है।
समझौता हस्ताक्षर समारोह में सिंगापुर के राष्ट्रपति माननीय श्री थरमन शनमुगरत्नम और ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस अवसर पर भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, सिंगापुर के परिवहन मंत्री और वित्त के द्वितीय मंत्री श्री ची होंग टैट, ओडिशा के उप मुख्यमंत्री श्री के.वी. सिंहदेव और उप मुख्यमंत्री श्रीमती प्रभाती परिडा सहित एनटीयू सिंगापुर, आईआईटी भुवनेश्वर और ओडिशा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
यह समझौता ओडिशा की स्थिरता, नवाचार और ऊर्जा स्वतंत्रता की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो राज्य की हरित और समृद्ध भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः पुष्टि करता है।