भुवनेश्वर। भुवनेश्वर स्थित प्रसिद्ध लिंगराज मंदिर में दो सेवायत समूहों के बीच विवाद के कारण भगवान लिंगराज के अनुष्ठान बाधित हो गए हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, मकर संक्रांति के अवसर पर ‘पुष्याभिषेक संध्या धूप’ अनुष्ठान के बाद भगवान लिंगराज को मकर मंडप में ले जाने के बाद महासुरा सेवायत पारंपरिक रूप से ‘घृत कमल’ तैयार करते रहे हैं। लेकिन, सोमवार को बाड़ू सेवायत इस अनुष्ठान को करने पर अड़े रहे, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया और मंदिर के सभी अनुष्ठान बंद हो गए।
इस विवाद के चलते भगवान लिंगराज मकर मंडप में बिना किसी अनुष्ठान के बैठे हैं। यहां तक कि उन्हें दक्षिण गर्भगृह में भी वापस नहीं ले जाया गया है।
गौरतलब है कि सेवायत समूहों के बीच ऐसे विवाद पहले भी हुए हैं, जो अक्सर मंदिर के अनुष्ठानों में बाधा उत्पन्न करते रहे हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, मकर संक्रांति के अवसर पर ‘पुष्याभिषेक संध्या धूप’ अनुष्ठान के बाद भगवान लिंगराज को मकर मंडप में ले जाने के बाद महासुरा सेवायत पारंपरिक रूप से ‘घृत कमल’ तैयार करते रहे हैं। लेकिन, सोमवार को बाड़ू सेवायत इस अनुष्ठान को करने पर अड़े रहे, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया और मंदिर के सभी अनुष्ठान बंद हो गए।
इस विवाद के चलते भगवान लिंगराज मकर मंडप में बिना किसी अनुष्ठान के बैठे हैं। यहां तक कि उन्हें दक्षिण गर्भगृह में भी वापस नहीं ले जाया गया है।
गौरतलब है कि सेवायत समूहों के बीच ऐसे विवाद पहले भी हुए हैं, जो अक्सर मंदिर के अनुष्ठानों में बाधा उत्पन्न करते रहे हैं।