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दही-चूड़ा और तिल से बने मिष्ठान ने बढ़ाई पर्व की मिठास
भुवनेश्वर। ओडिशा में मकर संक्रांति का पर्व पूरे उत्साह और परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया। यह पर्व कृषि पर आधारित हमारी संस्कृति और प्रकृति के साथ सामंजस्य का प्रतीक है। राज्यभर में इस विशेष अवसर पर दही-चूड़ा, तिल से बने लड्डू और अन्य पारंपरिक मिष्ठानों का आनंद लिया गया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मकर संक्रांति केवल एक त्योहार नहीं है, यह हमारी परंपरा और प्रकृति के प्रति हमारे अटूट संबंध का प्रतीक है। उत्तरायण सूर्य की जीवनदायिनी किरणें सभी के जीवन को प्रकाशमय करें और हर परिवार में सुख-शांति व समृद्धि का वास हो।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी इस पर्व पर बधाई देते हुए लिखा कि पवित्र मकर संक्रांति के अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। यह पर्व सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाए, यही मेरी प्रार्थना है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में मकर संक्रांति को धूमधाम से मनाया गया। लोग सुबह-सुबह स्नान करके सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने मंदिर पहुंचे। गांवों और शहरों में पारंपरिक भोज और सामाजिक मिलन का आयोजन हुआ। दही-चूड़ा और तिल से बने मिष्ठान का सेवन करते हुए लोगों ने एक-दूसरे को पर्व की बधाई दी।
इसके साथ ही, पतंगबाजी का उत्साह भी इस पर्व को और अधिक खास बना गया। राजधानी भुवनेश्वर से लेकर कटक, बालेश्वर, केंदुझर, और ढेंकानाल जैसे जिलों में लोगों ने मकर संक्रांति का उत्साह से स्वागत किया।
मकर संक्रांति पर लोग विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और सूर्य देव को तिल और गुड़ का भोग अर्पित कर आशीर्वाद मांगते हैं। इस पर्व ने ओडिशा के हर कोने में एकता और समृद्धि का संदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने बैतरणी नदी में लगाई पवित्र डुबकी
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को मकर संक्रांति के पावन अवसर पर केंदुझर जिले के पटना में बैतरणी नदी में पवित्र डुबकी लगाई।
मुख्यमंत्री आज सुबह दिल्ली से भुवनेश्वर पहुंचने के बाद मकर संक्रांति के पावन अवसर पर अपने गृह जिला केंदुझर के दौरे पर निकले। रायसुआन हवाईपट्टी पर पहुंचने के बाद माझी पाटना पहुंचे, जहां उन्होंने मकर संक्रांति के पावन अवसर पर पवित्र स्नान किया। इसके बाद उन्होंने प्राचीन आनंदेश्वर मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की।
बैतरणी नदी के तट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
मुख्यमंत्री के दौरे को ध्यान में रखते हुए बैतरणी नदी के तट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। इस अवसर पर भारी संख्या में पुलिस बल और अग्निशमन विभाग के कर्मियों को तैनात किया गया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री की एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग वहां एकत्रित हुए।