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ओडिशा में पार्टी के नेतृत्व को लेकर लेना था निर्णय
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प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्त को लेकर अटकलें हुईं तेज
भुवनेश्वर/नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कोर समिति की एक अहम बैठक मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य ओडिशा में पार्टी के नेतृत्व को लेकर निर्णय लेना था।
ओडिशा में भाजपा के संगठनात्मक ढांचे और भविष्य की कार्ययोजना को लेकर चर्चाओं के बीच प्रदेश अध्यक्ष पद पर किसे नियुक्त किया जाएगा, इसे लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक का प्राथमिक एजेंडा पार्टी की रणनीतियों को मजबूत करने के लिए नया नेतृत्व तय करना है। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पंडा, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल, ओडिशा प्रभारी विजय पाल सिंह तोमर और सह प्रभारी लता उसेंडी ने हिस्सा लिया।
बैठक में संगठन की वर्तमान स्थिति का आकलन और भविष्य की रणनीतियों पर गहन चर्चा हुई। प्रदेश स्तर पर पार्टी के कार्यों का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाए, यह भी बैठक का मुख्य विषय रहा।
जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर भी चर्चा
बैठक में ओडिशा के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर भी चर्चा की गई। भाजपा नेता कुसुम टेटे ने कहा कि मंडल स्तर के नेताओं का चयन पहले ही हो चुका है। अब जिला अध्यक्षों की बारी है, जिनका चयन पार्टी की शीर्ष समिति द्वारा किया जाएगा। अगले दो दिनों में जिला अध्यक्षों की सूची जारी कर दी जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद प्रदेश अध्यक्ष का नाम फाइनल किया जाएगा। हालांकि, प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के चलते इस प्रक्रिया में थोड़ी देरी हुई है।
प्रदेश अध्यक्ष के चयन पर कयास
प्रदेश अध्यक्ष पद पर मनमोहन सामल के बने रहने या नए नेता के चयन को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर जारी है। इन दिनों सुभद्रा योजना चर्चे में है, इस कारण महिला समीकरण को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि पार्टी के शीर्ष नेता यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ओडिशा के चुनौतीपूर्ण राजनीतिक परिदृश्य में भाजपा को एक मजबूत और कुशल नेतृत्व मिले।
पार्टी के लिए युवाओं को संगठित करने की जरूरत
कहा जा रहा है कि भाजपा के लिए यह आवश्यक है कि वह प्रदेश में अधिक से अधिक युवाओं को संगठित करे, जो अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और समय को पार्टी के लिए समर्पित कर सकें। बैठक में इन बिंदुओं पर भी गंभीरता से विचार किया गया।
प्रदेश और जिला स्तर पर नेतृत्व के चयन के बाद भाजपा अपनी चुनावी रणनीतियों को और मजबूत बनाने के लिए तैयार होगी। अब सबकी निगाहें प्रदेश अध्यक्ष के नाम की आधिकारिक घोषणा पर टिकी हैं।