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राष्ट्रपति ने 3 डेयरी पहलों की शुरुआत की
भुवनेश्वर/नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (ओमफेड) के लिए तीन नई पहल, गाय पालन, उपहार दूध और मार्केट सपोर्ट, का वर्चुअल उद्घाटन किया, जो किसानों के लिए डेयरी उत्पादकता और बाजार पहुंच को बढ़ाने के उद्देश्य से हैं। यह सभी पहलें राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के मार्गदर्शन में कार्यान्वित की जाएंगी।
इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मवेशी ग्रामीण अर्थव्यवस्था और ग्रामीण घरों की आय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह पहल ग्रामीण मवेशी किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगी। भारत की विविध मवेशी नस्लों ने हमारे कृषि धरोहर को समृद्ध किया है। हमारी दुग्ध उत्पादन में प्रगति पशुपालन में उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, लेकिन पशु स्वास्थ्य सुधारने के लिए और भी प्रयास किए जा सकते हैं। राष्ट्रपति ने दूध उत्पादन में भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला और इसे नस्ल विकास और आनुवंशिक उन्नयन प्रयासों का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि हमारे मिल्क कैटल की उत्पादकता में पिछले 10 वर्षों में असाधारण वृद्धि हुई है। पशुधन की संख्या और स्वास्थ्य दोनों पर ध्यान देने से खाद्य उत्पादों और दूध जैसी पशु उत्पादों की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
राष्ट्रीय गोपाल मिशन के तहत, मयूरभंज जिले के 26 ब्लॉकों में 3,000 उच्च गुणवत्ता वाली दूध देने वाली गायें लाभार्थियों को प्रदान की जाएंगी। इनमें से 1,000 लाभार्थी रायगढ़पुर उपखंड में एक गाय प्राप्त करेंगे, जिसे एनडीडीबी द्वारा सुविधाजनक बनाया जाएगा। ये गायें गुजरात से लाकर मवेशियों की आनुवंशिक गुणवत्ता में सुधार के लिए दी जाएंगी, जिससे डेयरी किसानों को अधिक दूध उत्पादन करने और आर्थिक विकास व बेहतर जीवन स्तर हासिल करने में मदद मिलेगी।