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फसलों को हुई क्षति का आकलन कार्य हुआ पूरा
भुवनेश्वर। ओडिशा में असमय बारिश से फसलों को हुई नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए दो लाख से अधिक आवेदन मिले हैं। बताया गया है कि फसलों को हुई क्षति का आकलन कार्य पूरा हो चुका है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा पोर्टल पर कुल 2,00,729 भूखंडों के लिए प्रभावित बीमाधारक किसानों के आवेदन दर्ज किए गए हैं। अब तक लगभग 1 लाख क्षतिग्रस्त भूखंडों के लिए किसानों को 21 करोड़ 96 लाख रुपये का मुआवजा सीधे उनके बैंक खातों में प्रदान किया गया है। बीमा कंपनियों द्वारा मुआवजा वितरण प्रक्रिया तेजी से जारी है।
पिछले दिसंबर महीने में दो बार हुई अनियमित बारिश के कारण राज्य में खरीफ फसल, विशेष रूप से धान की फसल को भारी नुकसान हुआ। इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत किसानों को मुआवजा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने 72 घंटे के भीतर फसल बीमा पोर्टल पर क्षति की सूचना देने का अनुरोध किया था। केंद्र सरकार की अनुमति के बाद, समय पर सूचना न देने वाले किसानों को अतिरिक्त तीन दिनों का मौका भी दिया गया था।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत किसानों ने कुल 2,00,729 भूखंडों पर हुए नुकसान के लिए आवेदन किया। इनमें सबसे अधिक आवेदन गंजाम जिले से प्राप्त हुए, जिनकी संख्या 47,969 थी। इसके अलावा गजपति, पुरी, केंद्रपाड़ा, नयागढ़, कटक, खुर्दा और जगतसिंहपुर जिलों से कुल 1,62,972 आवेदन प्राप्त हुए।
इन सभी आवेदनों के आधार पर क्षेत्रीय स्तर पर फसल क्षति का आकलन करने के लिए चार बीमा कंपनियों—एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड, एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, फ्यूचर जनराली इंडिया इंश्योरेंस लिमिटेड और रिलायंस जीआईसी लिमिटेड—को राज्य सरकार द्वारा निर्देशित किया गया था।
क्षति आकलन कार्य पूर्ण होने के बाद बीमा कंपनियां मुआवजा वितरण प्रक्रिया को तेजी से अंजाम दे रही हैं। राज्य सरकार का कृषि और सहकारिता विभाग इस प्रक्रिया की निगरानी और समीक्षा कर रहा है, ताकि किसानों के हितों को प्राथमिकता दी जा सके और मुआवजा वितरण समय पर सुनिश्चित हो।