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नए साल पर आयोजित कवि सम्मेलन में जमकर चलाए व्यंग्य के वाण
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित उत्कल अनुज हिन्दी पुस्तकालय में आयोजित कवितापाठ कार्यक्रम ने समाज और व्यवस्था की खामियों पर प्रहार करते हुए श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से बेटियों की सुरक्षा, युवाओं की बदलती जीवनशैली, वृद्ध माता-पिता के प्रति घटती जिम्मेदारी, और पत्रकारिता व सरकार की कार्यशैली जैसे मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया तथा अपनी कविताओं के जरिए जमकर व्यंग्य के वाण चलाए। कविताओं ने न केवल समस्याओं को उजागर किया, बल्कि सुधार के लिए प्रेरित भी किया।
नए साल पर आयोजित इस प्रभावशाली कवि सम्मेलन की अध्यक्षता रामकिशोर शर्मा ने की, जबकि हास्य-विनोद कवि किशन खण्डेलवाल ने संचालन की बागडोर संभाली। अशोक पाण्डेय ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए नववर्ष के अवसर पर वैचारिक एकता और विचार-विनिमय की संस्कृति को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने भगवान भोलेनाथ और उनके परिवार से प्रेरणा लेने की बात कही।
कार्यक्रम में कवियों ने मौजूदा व्यवस्था पर व्यंग्य और कटाक्ष करते हुए अपनी कविताओं से श्रोताओं को झकझोर दिया। बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंता और बदलते खान-पान के चलते सामाजिक मूल्यों में गिरावट जैसे विषयों पर गहरी चर्चा हुई।
इस कवितापाठ ने साहित्य प्रेमियों और समाज के जागरूक लोगों के लिए एक मंच प्रदान किया, जहां न केवल समस्याओं पर प्रकाश डाला गया, बल्कि उनके समाधान पर भी विचार साझा किए गए। कार्यक्रम ने साहित्य और समाज को एक सूत्र में पिरोते हुए सामूहिक चिंतन का माहौल बनाया।
इस अवसर पर नालको के अवकाशप्राप्त सीएमडी डॉ एसके तमोतिया और उनकी पत्नी रानी तमोतिया का स्वागत करतल ध्वनियों के साथ किया गया तथा मोरारीलाल लढानिया, गोपालकृष्ण, समिता कानूनगो, आशीष विद्यार्थी, विनोद कुमार, विक्रमादित्य सिंह, रामकिशोर शर्मा, किशन खण्डेलवाल, शालीन अग्रवाल, रानी तमोतिया और सुधीर कुमार सुमन, मनीष पांडेय आदि ने अपनी-अपनी हिन्दी कविताओं का पाठ किया।
इससे पहले संरक्षक सुभाष चन्द्र भुरा ने सभी को अपनी ओर से तथा उत्कल अनुज हिन्दी पुस्तकालय-परिवार की ओर से नव वर्षः2025 की अपनी शुभ कामनाएं दी तथा आगत सभी के प्रति हार्दिक आभार जताया। इस मौके पर एसटीएससी विभाग की शिक्षिका सीमा मंजरी पटेल समेत अनेक गणमान्य महिला-पुरुष श्रोतागण उपस्थित थे।