Home / Odisha / बीमार कुमकी हाथी महेंद्र का सिमिलिपाल में निधन

बीमार कुमकी हाथी महेंद्र का सिमिलिपाल में निधन

  • वृद्धावस्था के कारण जूझ रहा था लंबी बीमारी से

  • वन्यजीवन प्रबंधन और संरक्षण के क्षेत्र में अपनी सेवाओं से एक अमिट छाप छोड़ी

भुवनेश्वर। कुमकी हाथी ‘महेंद्र’ का रविवार रात सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान में वृद्धावस्था के कारण लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।
66 वर्षीय हाथी ने सिमिलिपाल के चहला रेंज क्षेत्र में रात 10:30 बजे अंतिम सांस ली। वह कई दिनों से वृद्धावस्था से संबंधित बीमारियों से पीड़ित था। विशेषज्ञों की एक टीम उसका इलाज कर रही थी, लेकिन पिछले दो दिनों में उसकी स्थिति तेजी से बिगड़ गई क्योंकि उसने खाना बंद कर दिया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मयूरभंज की भीषण ठंड ने उसकी सेहत को और खराब कर दिया। पशु चिकित्सक डॉ. अभिलाष आचार्य ने शनिवार को उसका इलाज किया था। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए पोस्टमॉर्टम किया जाएगा।
महेंद्र को 2001 में महाराष्ट्र से सिमिलिपाल लाया गया था और वहां उसे विशेष प्रशिक्षण दिया गया। पिछले 24 वर्षों से उसने वन विभाग को अपनी सेवाएं प्रदान कीं।
यह हाथी मानव-हाथी संघर्ष को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। यह जंगल में हाथियों को नियंत्रित करने और उन झुंडों को वापस भगाने का काम करता था जो मानव बस्तियों में प्रवेश कर जाते थे। महेंद्र की वजह से फसलों और मानव आवासों को होने वाले नुकसान और मानव व हाथी दोनों की संभावित जानमाल की हानि को कम किया गया।
महेंद्र को सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में बाघ जनगणना गतिविधियों में भी इस्तेमाल किया गया। वह घने और दुर्गम जंगलों में बाघों की निगरानी और जनगणना के लिए विशेषज्ञों का सहायक रहा। इसके अलावा, उसे अनुगूल के सतकोसिया अभयारण्य में भी भेजा गया था, जहां उसने बाघों की गतिविधियों को ट्रैक करने में मदद की। महेंद्र ने वन्यजीवन प्रबंधन और संरक्षण के क्षेत्र में अपनी सेवाओं से एक अमिट छाप छोड़ी है।

Share this news

About desk

Check Also

ओडिशा में किसानों को 1,904 करोड़ की इनपुट सब्सिडी मिली

सरकार ने इस सीजन में अब तक 26,28,228 टन धान की खरीद की भुवनेश्वर। ओडिशा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *