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18वें प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर आयोजित सत्र “डायस्पोरा दिवास: महिलाओं के नेतृत्व और प्रभाव का जश्न – नारी शक्ति” सत्र में महिला अतिथियों ने दिया जोर
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कहा- लिज्जत पापड़ और अमूल ने महिलाओं के डेमोग्राफिक में परिवर्तन किया
भुवनेश्वर। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करने वाली विभिन्न विशेषज्ञों ने 18वें प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर आयोजित सत्र “डायस्पोरा दिवास: महिलाओं के नेतृत्व और प्रभाव का जश्न – नारी शक्ति” सत्र के दौरान महिलाओं के लिए मेंटरिंग की अहमियत और तकनीकी क्षेत्र में एआई के इस्तेमाल के साथ जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया।
सत्र में मंच पर आसीन महिला अतिथियों ने कहा कि महिलाओं के लिए प्रभावी मेंटरिंग कार्यक्रम न केवल उनके कौशल को निखारने में मदद करते हैं, बल्कि उन्हें अपने करियर में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक मजबूत मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं।
महिलाओं को तकनीकी और नेतृत्व के क्षेत्रों में आगे बढ़ाने के लिए मेटा एआई और अन्य तकनीकी प्लेटफार्मों को जागरूक होने की जरूरत है, ताकि वे महिलाओं के लिए अधिक समान अवसर सुनिश्चित कर सकें।
इसके साथ ही, उन्होंने उच्च मानक स्थापित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। इस पहल का उद्देश्य महिला कर्मचारियों को कार्यस्थल पर समान अधिकार और अवसर प्रदान करना है, जिससे उन्हें पेशेवर रूप से और अधिक सफलता हासिल हो सके।
उन्होंने कहा कि लिज्जत पापड़ और अमूल जैसे ब्रांडों ने महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे महिलाओं के डेमोग्राफिक में बदलाव आया है। इन ब्रांडों ने न केवल महिला कर्मचारियों को रोजगार दिया, बल्कि उन्हें उद्योग में नेतृत्व की भूमिका भी सौपी है, जो महिला समाज के लिए एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है।
सत्र का समापन करते हुए सभी महिला अतिथियों ने एकजुट होकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में और अधिक प्रयासों की आवश्यकता को बल दिया।