भुवनेश्वर। भुवनेश्वर के जनता मैदान में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित न केवल प्रवासी भारतीयों के योगदान को सराहा, बल्कि ओडिशा की समृद्ध संस्कृति और धरोहर पर भी जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने ओडिशा के उन प्रमुख स्थलों का उल्लेख किया, जो आध्यात्म, संस्कृति, शांति और भारतीय विरासत के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि ओडिशा का दौरा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इन स्थानों का भ्रमण अवश्य करना चाहिए।
ये हैं प्रधानमंत्री द्वारा बताए गए ओडिशा के 5 प्रमुख स्थल:
1. श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी
भगवान जगन्नाथ को समर्पित यह मंदिर ओडिशा का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। इसे देखने देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं।
2. धौली शांति स्तूप, भुवनेश्वर
अशोक सम्राट द्वारा निर्मित यह शांति स्तूप विश्व में शांति और अहिंसा का संदेश देता है। यह स्थल कालिंगा युद्ध और उसके बाद अशोक के बौद्ध धर्म अपनाने का प्रतीक है।
3. खंडगिरि-उदयगिरि गुफाएं, भुवनेश्वर
ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व वाली इन गुफाओं में जैन संस्कृति और वास्तुकला का अनूठा संगम देखने को मिलता है।
4. कोणार्क सूर्य मंदिर, कोणार्क
यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल यह मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है। इसकी अद्भुत स्थापत्य कला इसे विश्वभर में विशेष बनाती है।
5. सिल्वर सिटी कटक
ओडिशा की पुरानी राजधानी कटक अपने सिल्वर फिलिग्री कला, बारबाटी किला और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मस्थान के लिए प्रसिद्ध है।
विश्व मंच पर प्रस्तुत करने की अपील
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ओडिशा की यह धरोहर न केवल भारत की समृद्ध संस्कृति को दर्शाती है, बल्कि यह विश्व भर के लोगों को आकर्षित करती है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से अपील की कि वे इन स्थलों का दौरा कर ओडिशा की विरासत से जुड़ें और इसे विश्व मंच पर प्रस्तुत करें।