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18वें प्रवासी भारतीय दिवस में बोले विदेश मंत्री जयशंकर: मुश्किल वक्त में मोदी सरकार का साथ रहेगा हमेशा

  • कहा- प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों पर गर्व

भुवनेश्वर। भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह आयोजन पूर्वोदय नीति का प्रतीक है, जो पूर्वी भारत के विकास और समृद्धि पर केंद्रित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में इस सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अश्विनी वैष्णव समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
इस भव्य आयोजन की शुरुआत तीन बार के ग्रैमी अवार्ड विजेता रिकी केज के सांस्कृतिक प्रदर्शन से हुई।
विदेश मंत्री जयशंकर ने भारतीय प्रवासी समुदाय की उपलब्धियों पर गर्व जताते हुए कहा कि आप सभी न केवल अपनी उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं, बल्कि भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को भी बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में प्रवासी समुदाय की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
डिजिटल तकनीकों से प्रवासी समुदाय को लाभ
जयशंकर ने बताया कि मोदी सरकार ने भारत में कई जन-केंद्रित बदलाव किए हैं, जिनमें जीवन, यात्रा और व्यापार को आसान बनाने के प्रयास शामिल हैं।
उन्होंने डिजिटल तकनीकों के उपयोग को प्रवासी समुदाय के लिए वरदान बताया। इसके तहत पासपोर्ट जारी करने और नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरल किया गया है।
साथ ही वाणिज्य दूतावासों की सेवाओं में सुधार, शिकायत निवारण प्लेटफॉर्म और अधिक जवाबदेह दूतावास स्थापित किए गए हैं।
“मुश्किल समय में मोदी सरकार आपके साथ”
जयशंकर ने प्रवासियों को आश्वासन देते हुए कहा कि मुश्किल समय में आप निश्चिंत रहें कि मोदी सरकार आपके साथ है।
ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर का उल्लेख
जयशंकर ने ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर की प्रशंसा की। उन्होंने जगन्नाथ मंदिर, लिंगराज मंदिर और कोणार्क मंदिर जैसे प्रमुख स्थलों का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि ओडिशा में पीबीडी का आयोजन मोदी सरकार की पूर्वोदय नीति का प्रतीक है। यह राज्य हमारे इतिहास और संस्कृति की समग्रता को दर्शाता है।
बालियात्रा और ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का जिक्र
उन्होंने ओडिशा की प्रसिद्ध बालियात्रा की तुलना भारत सरकार की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति से की। जयशंकर ने कहा कि जब हम खुद को इंडो-पैसिफिक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करते हैं, तो यह ओडिशा की पूर्वी समुद्री सीमा से शुरू होता है।
‘विकसित भारत’ के निर्माण में योगदान का आह्वान
उन्होंने प्रवासी समुदाय से ‘विकसित भारत’ के निर्माण में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत आज आत्मविश्वास, आधुनिकता और समावेशिता की नई ऊंचाइयों को छू रहा है, जहां परंपरा और तकनीक साथ-साथ चलती हैं।
उल्लेखनीय है कि यह सम्मेलन 8 से 10 जनवरी तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 70 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। इस वर्ष का विषय है: “विकसित भारत में प्रवासी समुदाय का योगदान।”

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