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प्रवासी भारतीयों से गांवों में जाने का दिया निमंत्रण
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कहा – जब भी आएं अपने पांच विदेशी दोस्तों को साथ लेकर आएं
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विदेशी विभूतियों के लिए विशेष सम्मानों को स्थापित करने दिया सुझाव
भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में भारत के गांवों को वैश्विक मंच पर पर्यटन से जोड़ने का आह्वान किया। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से अपील की कि वे भारत लौटने पर गांवों का दौरा करें और अपनी संस्कृति, परंपरा और विरासत को करीब से जानें। प्रधानमंत्री ने कहा, “जब भी आप भारत आएं, अपने पांच विदेशी दोस्तों को साथ लेकर आएं और उन्हें भारत के गांवों की आत्मा से परिचित कराएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के गांव देश की आत्मा हैं और उनकी संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली दुनिया भर के लोगों को आकर्षित कर सकती है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत के समृद्ध अनुभव न केवल विदेशी पर्यटकों के लिए अनूठे होंगे, बल्कि यह देश की आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति में भी योगदान देगा। उन्होंने प्रवासियों से आग्रह किया कि वे गांवों की संस्कृति को अपने विदेशी दोस्तों के बीच प्रचारित करें।
विदेशी विभूतियों के लिए विशेष सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संस्कृति और विरासत के प्रचार-प्रसार में योगदान देने वाली विदेशी विभूतियों के लिए विशेष सम्मान स्थापित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान को मजबूत करने में योगदान देने वाले विदेशी व्यक्तित्वों को सम्मानित करना हमारी जिम्मेदारी है। इससे भारत और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध और गहरे होंगे।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों में पर्यटन को बढ़ावा देने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय शिल्प और पारंपरिक व्यंजनों को पर्यटन के माध्यम से बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अगर हमारे प्रवासी भारतीय गांवों की विशेषताओं को विश्व के साथ साझा करेंगे, तो यह भारत के विकास के लिए एक नई दिशा होगी।
भारतीयता को महसूस करने का मिलेगा अवसर
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे गांवों में जाएं और स्थानीय समुदायों से संवाद करें। उन्होंने कहा कि भारत की जड़ों को समझने और उसे दुनिया के सामने प्रस्तुत करने में प्रवासी भारतीय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांवों का दौरा करना केवल पर्यटन नहीं होगा, बल्कि यह भारतीयता को महसूस करने और उसे अपने दिल में बसाने का एक अवसर होगा।
संस्कृति और अर्थव्यवस्था का संगम
गांवों को पर्यटन से जोड़ने से न केवल उनकी संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी, बल्कि यह ग्रामीण युवाओं को रोजगार और नई संभावनाओं का भी मार्ग प्रशस्त करेगा। यह पहल भारतीय अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने और “मेक इन इंडिया” के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेगी।