-
भारत आकर जमकर उठाया लुत्फ
भुवनेश्वर। प्रवासी भारतीयों का देश के प्रति प्रेम और अपनी मिट्टी से लगाव हाल ही में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देखने को मिला। प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रवासी भारतीयों ने अपनी मातृभूमि से जुड़ने का अनमोल अनुभव हासिल किया। इन कार्यक्रमों ने उन्हें न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर को करीब से समझने का मौका दिया, बल्कि देशभक्ति की भावना को और प्रबल कर दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अद्भुत अनुभव
कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संगीत से हुई, जिसने प्रवासियों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ दिया। पारंपरिक लोक नृत्य, वाद्य यंत्रों की मधुर धुन, और रंग-बिरंगे परिधानों में सजी प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। खासतौर पर बच्चों द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति के गानों ने ऐसा माहौल बनाया कि हर कोई गर्व से खड़ा होकर तालियां बजाने लगा।
देशभक्ति से जुड़े गानों ने बांधा समां
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में देशभक्ति से जुड़े गाने थे, जिनमें “सारे जहां से अच्छा” और “वंदे मातरम”, “ऐसा देश है मेरा” जैसे गीत शामिल थे। इन गीतों ने प्रवासी भारतीयों के दिलों को छू लिया और उन्हें उनकी मातृभूमि की याद दिलाई। गानों की प्रस्तुति के दौरान न केवल प्रवासी भारतीयों की आंखें नम हुईं, बल्कि उन्होंने इसे अपनी पहचान का हिस्सा बताया।
मिट्टी की खुशबू का अहसास
भारत की मिट्टी की खुशबू से जुड़ने का एहसास प्रवासियों के लिए बेहद खास रहा। कई प्रवासियों ने बताया कि लंबे समय बाद वे भारत आकर अपने गांव-घर की मिट्टी में सुकून महसूस कर रहे हैं। किसी ने इसे अपनी संस्कृति से जोड़ने वाला पल बताया, तो किसी ने इसे अपने जीवन का सबसे यादगार अनुभव।
नई पीढ़ी का जुड़ाव
इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से जोड़ना था, बल्कि नई पीढ़ी को भी भारत की संस्कृति से अवगत कराना था। कार्यक्रम में बच्चों और युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। खासकर दूसरी और तीसरी पीढ़ी के प्रवासी भारतीयों ने भारतीय परंपराओं को सीखने और समझने में गहरी रुचि दिखाई।
प्रवासी भारतीयों की भावनाएं
कार्यक्रम में शामिल एक प्रवासी भारतीय ने कहा कि भारत आकर मुझे अपनी पहचान पर गर्व हो रहा है। यहां की संस्कृति, संगीत, और लोगों की गर्मजोशी से मैं बेहद खुश हूं। वहीं, एक अन्य प्रवासी ने कहा कि इस मिट्टी की खुशबू हमें हमारी जड़ों की याद दिलाती है।