भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय दिवस के 18वें संस्करण का शुभारंभ करते हुए अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की और उन्हें भारतीय संस्कृति और वैश्विक मंच पर विकास के संरक्षक कहा।प्रवासी भारतीय दिवस के पहले दिन प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री माझी ने उनका स्वागत ओडिशा, भगवान जगन्नाथ की भूमि में किया और उन्हें भारत के सांस्कृतिक राजदूत बताया। उन्होंने कहा कि मैं आपको अपनी जड़ों से फिर से जुड़ने और ओडिशा के जादू को पुनः खोजने के लिए खुला निमंत्रण देता हूं। चाहे वह सांस्कृतिक आदान-प्रदान हो, व्यापारिक उद्यम हों या शैक्षिक सहयोग, हम आपके विचारों, निवेश और उद्यमशीलता का स्वागत करते हैं।
मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि ओडिशा की संस्कृति और धरोहर अद्वितीय हैं। राज्य ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और कौशल विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने एनआरआई समुदाय को ओडिशा की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने के लिए आमंत्रित किया, जिसमें कोणार्क के सूर्य मंदिर की भव्य वास्तुकला और पुरी के जगन्नाथ मंदिर की आध्यात्मिक गरिमा शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि ओडिशा के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर एनआरआई राज्य और राष्ट्र के विकास में योगदान दे सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हम जानते हैं कि आप जहां भी रहते हैं, भारत आपके दिलों में बसता है, और हमें आपकी उपलब्धियों पर गर्व है। साथ मिलकर हम और मजबूत हो सकते हैं और विकसित भारत (विक्षित भारत) की दिशा में काम कर सकते हैं।