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मंत्री ने प्रवासी भारतीय युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला
भुवनेश्वर। केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडवीया ने बेयांड बार्डर: डायसपोरा यूथ लीडरशिप इन ए ग्लोबलाइज्ड वर्ल्ड सत्र में अपने विचार साझा करते हुए प्रवासी भारतीय युवाओं के वैश्विक स्तर पर बढ़ते योगदान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय युवा न केवल अपने देश में, बल्कि दुनिया भर में विकास और समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनके अनुसार, भारतीय युवाओं की औसत आयु 29 वर्ष है और वे दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपने कार्यों से एक नई दिशा दे रहे हैं।
भारत में विकास और स्टार्टअप इकोसिस्टम की तेजी से बढ़ती प्रगति
मांडवीया ने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की बढ़ती लोकप्रियता और उसके विकास के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि भारत में युवाओं के लिए अब नए अवसर पैदा हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई शिक्षा नीति ने युवा पीढ़ी को और अधिक सक्षम और प्रतिस्पर्धी बनाया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत में व्यवसाय और तकनीकी क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे युवाओं को नेतृत्व की दिशा में तैयार किया जा रहा है।
वैश्विक स्तर पर भारत की खास पहचान
मांडवीया ने भारत की विशिष्टताओं को वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता मिलने की बात की। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर, चिकित्सा क्षेत्र, और आईटी क्षेत्र में भारत की अहमियत तेजी से बढ़ रही है। चिकित्सा क्षेत्र में भारतीय डॉक्टरों और नर्सों की मांग दुनियाभर में बढ़ रही है। खासकर उत्तर-पूर्वी भारत से निकलने वाली नर्सों की जापान में खास मांग है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय युवा चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र में दुनिया भर में एक मजबूत पहचान बना रहे हैं।
भारत में वैज्ञानिक और आईटी क्षेत्र में निरंतर वृद्धि
मांडवीया ने यह भी कहा कि भारत के वैज्ञानिक क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है और वर्तमान में भारत के 10 में से 7 प्रमुख वैज्ञानिक भारत में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आईटी क्षेत्र में भारत ने दुनिया भर में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है। भारतीय आईटी पेशेवरों की कड़ी मेहनत और नवाचार के कारण भारत अब एक वैश्विक टेक्नोलॉजी हब बन चुका है।
कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की वैश्विक सहायता
मांडवीया ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की वैश्विक भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि भारत ने 150 देशों को दवाइयाँ और चिकित्सा सहायता प्रदान की, जो देश की वैश्विक जिम्मेदारी और सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह दिखाता है कि भारत न केवल अपने नागरिकों के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए भी सहायक बन रहा है।
भारत का वैश्विक नेतृत्व और भविष्य में युवा पीढ़ी का योगदान
मांडवीया ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं, और अब भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन चुका है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत की युवा पीढ़ी अब वैश्विक मंच पर अग्रणी भूमिका निभा रही है और भविष्य में यह और भी महत्वपूर्ण बन जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत अब तकनीक और परंपरा के संयोजन से विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।