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ओडिशा की कला-संस्कृति ने किया मेहमानों का स्वागत
भुवनेश्वर। भुवनेश्वर के जनता मैदान में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन में ओडिशा की कला और संस्कृति ने मेहमानों का जोरदार स्वागत किया। इस विशेष अवसर पर प्रदेशभर से बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय और अन्य अतिथि उपस्थित हुए। ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर ने आयोजन स्थल से लेकर सड़क तक मेहमानों का दिल जीत लिया।
सड़क से लेकर आयोजन स्थल तक कला और संस्कृति के जीवंत दृश्य उपस्थित थे। पारंपरिक ओडिया नृत्य, संगीत और लोक कला का प्रदर्शन मेहमानों को एक अलग ही अनुभव दे रहा था। विशेष रूप से, ओडिशा के कंबल और पट्टा कला ने अपने आकर्षक रूप में भारतीय संस्कृति की समृद्धता को प्रदर्शित किया। इस बीच, राज्य के स्थानीय कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से भारतीय संस्कृति के विविध पहलुओं को प्रमुखता से पेश किया।
जनता मैदान में रथयात्रा के प्रतीक व तस्वीर ने भी मेहमानों का ध्यान आकर्षित किया। हर कदम पर ओडिशा की कला और संस्कृति झलक रही थी, जिससे कार्यक्रम का माहौल और भी उत्साहपूर्ण हो गया।
प्रवासी भारतीयों के स्वागत के लिए विशेष रूप से तैयार की गई प्रदर्शनी में ओडिशा के हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्त्रों को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में भारतीय पारंपरिक कला के अलावा, राज्य के स्थानीय उत्पादों की भी विशेष झलक देखने को मिली। इससे भारतीय और विदेशी मेहमानों को ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर के बारे में अधिक जानने का अवसर मिला।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस आयोजन में उपस्थित मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक अवसर है। उनके अनुसार, प्रवासी भारतीयों की भूमिका भारत के विकास में महत्वपूर्ण है और उन्हें अपने अनुभव और सहयोग से देश की प्रगति में योगदान देना चाहिए।
इस आयोजन ने न केवल ओडिशा की कला और संस्कृति को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि भारत के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विविधता विश्व स्तर पर अद्वितीय है।