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2,26,791 हेक्टेयर भूमि पर 33% से अधिक फसल नुकसान
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डीबीटी के माध्यम से फसलों के नुकसान के लिए आपदा प्रतिक्रिया कोष राशि वितरण शुरू
भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को पिछले साल दिसंबर में हुई असमय बारिश को प्राकृतिक आपदा घोषित किया।
कृषि ओडिशा सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन किसानों को 33% से अधिक फसल क्षति हुई है, उन्हें राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि जिला कलेक्टरों की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 6,66,720 किसान, जिनमें 2.61 लाख किसान फसल बीमा योजना के तहत आते हैं, ने 2,26,791 हेक्टेयर भूमि पर 33% से अधिक फसल नुकसान की सूचना दी है। उन्होंने यह भी कहा कि आज से डीबीटी के माध्यम से फसलों के नुकसान के लिए 291.59 करोड़ रुपये की राशि एसडीआरएफ से वितरित की जाएगी।
असमय बारिश 20 से 28 दिसंबर के बीच दो चरणों में हुई थी, जिससे खरीफ फसल कटाई के दौरान कई जिलों में व्यापक फसल क्षति हुई। इनमें गंजाम जिला सबसे अधिक प्रभावित रहा।
मुख्यमंत्री ने पहले घोषणा की थी कि प्रभावित किसान, चाहे वे बीमित हों या न हों, सभी को सहायता प्रदान की जाएगी।
इस बीच, ओडिशा में पिछले सप्ताह छह किसानों की मौत की सूचना मिली है, जिनमें से तीन ने आत्महत्या की, जबकि तीन को फसल नुकसान के सदमे से हृदयाघात हुआ।
दिसंबर में हुई असमय बारिश ने ओडिशा के किसानों की परेशानियां बढ़ा दीं हैं। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने व्यक्तिगत रूप से गंजाम, गजपति और नयागढ़ जिलों का दौरा किया और किसानों से बातचीत की। उन्होंने बाढ़ और बारिश से प्रभावित खेतों का जायजा लिया और प्रभावित किसानों के लिए तत्काल राहत और सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमारे किसान हमारे अन्नदाता हैं। उनके जीवन और आजीविका की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है। राज्य सरकार किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री के अलावा कृषि और राजस्व मंत्री समेत कई अन्य मंत्रियों ने भी प्रभावित जिलों का दौरा कर नुकसान को देखा तथा स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठकें कीं। इन दौरों का उद्देश्य फसल क्षति का सही आकलन करना और राहत उपायों को तेजी से लागू करना था।