-
जेल जाने वाले सेनानियों को अब 20,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे
-
अन्य सेनानियों की भी पेंशन बढ़ी
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को सम्मानित करते हुए उनकी पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की है। यह निर्णय गुरुवार को मुख्यमंत्री मोहन माझी ने 38वें स्वतंत्रता सेनानी दिवस के अवसर पर लिया।
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जेल जाने वाले सेनानियों को अब 20,000 रुपये प्रति माह की पेंशन दी जाएगी, जो पहले 10,000 रुपये थी। वहीं, आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले लेकिन जेल नहीं जाने वाले सेनानियों की पेंशन 9,000 से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई है।
राष्ट्रीय पेंशन प्राप्त कर रहे सेनानियों को अब 8,000 के बजाय 10,000 रुपये मिलेंगे। इसके अलावा, आपातकाल के दौरान आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (एमआईएसए) के तहत हिरासत में लिये गए व्यक्तियों को भी 20,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदानों को मान्यता देने और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि हरेकृष्ण महताब जैसे महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी आज भी अपेक्षाकृत अनजान हैं।
उन्होंने मातांगिनी हाजरा, वीर बाघा जतिन और युवा क्रांतिकारी बाजी राउत जैसे सेनानियों के योगदान को स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन वीरों की कहानियों को उजागर करना और भविष्य की पीढ़ियों को उनके संघर्षों से अवगत कराना जरूरी है।
यह पेंशन वृद्धि न केवल स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान प्रकट करती है, बल्कि उनकी कठिनाइयों को कम करने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है।