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एक मछुआरे ने जाल में फंसी मूर्तियां
नयागढ़। जिले के भापुर ब्लॉक के पद्मावती गांव के पास महानदी नदी से सोमवार को मछुआरे के जाल में फंसी प्राचीन हनुमान और शनि देव की मूर्तियां बरामद की गईं।
जानकारी के अनुसार, गांव के एक मछुआरे ने जाल में फंसी मूर्तियों को देखकर स्थानीय लोगों को इसकी सूचना दी। इसके बाद लगभग 4 फीट ऊंची इन दोनों मूर्तियों को जाल से निकालकर सुरक्षित रखने के लिए बौलक्षेत्र जगन्नाथ मंदिर में रखा गया।
मूर्तियों की बरामदगी क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गयी है। हालांकि, पद्मावती गांव में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है।
इससे पहले साल 2020 में इसी क्षेत्र में पानी के स्तर घटने के कारण महानदी किनारे एक कथित तौर पर डूबे हुए 500 साल पुराने मंदिर का शिखर और ‘मस्तक’ (ऊपरी भाग) दिखाई दिया था।
भारतीय राष्ट्रीय कला और सांस्कृतिक धरोहर ट्रस्ट (इंटेक) के एक सर्वेक्षण ने इसकी वास्तुकला और निर्माण सामग्री के आधार पर पुष्टि की थी कि यह 60 फीट ऊंचा मंदिर भगवान गोपीनाथ (भगवान विष्णु का एक रूप) को समर्पित था और 15वीं या 16वीं शताब्दी का था।
इसी प्रकार, पिछले साल दिसंबर में इसी क्षेत्र में स्थानीय लोगों को महानदी में स्नान के दौरान आठ प्राचीन धातु नाग मूर्तियां मिली थीं।
स्थानीय लोगों ने सरकार से सर्वेक्षण कराने की मांग की थी, जिसमें बुजुर्गों के कथन के आधार पर कम से कम 16 और मंदिरों के डूबे होने की संभावना जताई गई थी। इसके बाद इंटेक ने महानदी घाटी की धरोहर का दस्तावेजीकरण करने और डूबे हुए गोपीनाथ मंदिर पर अध्ययन शुरू किया।