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इस साल दिखेगी ओड़िया अस्मिता की झलक
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धनुयात्रा के लिए अनुदान राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ हुई
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प्रत्येक कलाकार को मिलेगा 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार
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राज्यभर में एलईडी स्क्रीन के माध्यम से आयोजन लाइव होगा प्रसारित
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने धनुयात्रा को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मान्यता दिलाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने धनुयात्रा के लिए अनुदान राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दिया है। इसके साथ ही प्रत्येक कलाकार को उनके पोषाक और अन्य आनुषंगिक खर्चों के लिए 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। इस बार की धनुयात्रा में ओड़िया अस्मिता की झलक देखने को मिलेगी।
ओडिशा सरकार के संस्कृति मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कलिंग स्टेडियम में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में इस महोत्सव की नई योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार धनुयात्रा के हर क्षण को अत्याधुनिक कैमरों से कैद किया जाएगा और इसे राज्यभर में एलईडी स्क्रीन के माध्यम से लाइव प्रसारित किया जाएगा।
धरोहर स्थल की मान्यता दिलाने को समिति गठित
मंत्री सूरज ने यह भी बताया कि धनुयात्रा को यूनेस्को के धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दिलाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है और इसके प्रचार प्रसार के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
23 साल बाद कोई मुख्यमंत्री होगा उपस्थित
इधर, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने 8 दिसंबर को घोषणा की थी कि वह 2025 की बरगढ़ धनुयात्रा के साक्षी होंगे। यह 23 साल बाद होगा जब कोई मुख्यमंत्री धनुयात्रा में भाग लेंगे। इससे पहले, 2002 में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस महोत्सव में भाग लिया था। मोहन माझी ने बरगढ़ जिले के सोहेला में इनपुट सहायता के वितरण के शुभारंभ के अवसर पर यह घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद बरगढ़ धनुयात्रा समिति के महल में खुशी की लहर है।
11 दिवसीय यात्रा 3 जनवरी से होगी शुरू
धनुयात्रा की 11 दिवसीय यात्रा 3 जनवरी से शुरू होगी। इस दौरान महाराज कंस के संवादों में मुक्ताकाश रंगमंच एक बार फिर सजेगा और बरगढ़ में महाराज कंस का शासन देखने को मिलेगा। राज्य सरकार ने इस ऐतिहासिक महोत्सव को और भी प्रचारित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे यह कार्यक्रम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और भी प्रमुख हो सके।