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राज्य स्तर पर की जा रही है चर्चा : स्कूली एवं जन शिक्षा मंत्री
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को समाप्त करने के प्रस्ताव की समीक्षा कर रही है। यह जानकारी शनिवार को राज्य के स्कूली एवं जन शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड ने दी।
मीडिया से बात करते हुए मंत्री गोंड ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस मामले में दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके बाद राज्य स्तर पर चर्चा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को लागू करने से छात्रों में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना विकसित हो सकती है। इस प्रस्ताव को लेकर विस्तृत चर्चा और मूल्यांकन किया जा रहा है।
मंत्री गोंड ने कहा कि केंद्र के निर्देशों के अनुसार, हम इस नई नीति की समीक्षा सभी संबंधित पक्षों के साथ कर रहे हैं और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि नो डिटेंशन पॉलिसी भारत के शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के तहत शुरू की गई शिक्षा सुधार योजना है। इसके तहत किसी भी छात्र को कक्षा 8 तक (14–15 वर्ष की आयु) फेल नहीं किया जा सकता और न ही स्कूल से निकाला जा सकता। इस नीति का उद्देश्य स्कूल छोड़ने की दर को कम करना और सभी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करना है।
अब हाल ही में केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि कक्षा 5 और 8 के वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। ऐसे छात्रों को दो महीने बाद दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। यदि वे पुनर्परीक्षा में भी फेल हो जाते हैं, तो उन्हें उसी कक्षा में रहना होगा। हालांकि, कक्षा 8 तक छात्रों को स्कूल से निष्कासित नहीं किया जा सकेगा।