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फसलों की बर्बादी ने फिर ली दो किसानों की जान

  • जाजपुर में एक किसान को दिल का दौरा पड़ने से मौत

  • केंद्रापुर में दूसरे किसान ने जहर पीकर मौत को गले लगाया

  • अब तक चार किसानों की हो चुकी है मृत्यु

भुवनेश्वर। ओडिशा में बेमौसमी बारिश के कारण फसलों की बर्बादी ने फिर दो किसानों की जान ली है। जाजपुर में एक किसान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है, जबकि केंद्रापुर में दूसरे किसान ने जहर पीकर मौत को गले लगाया है। राज्य में इस सीजन में अब तक चार किसानों की मौत हो चुकी है।
जाजपुर जिले के चिकाना ग्राम पंचायत में फसल बर्बाद होने के बाद दिल का दौरा पड़ने से मरने वाले किसान की पहचान मणिभद्र मोहंती के रूप में हुई है।
बताया गया है कि मणिभद्र ने खेती करने के लिए कई जगहों से कर्ज लिया था। हाल की भारी बारिश के कारण उनकी तीन एकड़ की धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई।
शनिवार सुबह जब मणिभद्र अपनी फसल का जायजा लेने खेत पहुंचा, तो फसल की तबाही देखकर गहरे तनाव में आ गए। परिवार वालों के अनुसार, कर्ज का बोझ और फसल के नुकसान ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया, जिसके कारण उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
परिवार वाले उन्हें तुरंत बिंझारपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मणिभद्र के परिवार ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।
इधर, केंद्रापड़ा जिले में असमय बारिश से फसल बर्बाद होने के बाद 72 वर्षीय किसान दैतारी जेना ने शनिवार को कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक कोसिदा गांव के निवासी थे, जो डेराबिश थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
जानकारी के अनुसार, दैतारी ने अपनी जमीन पर खेती के लिए कर्ज लिया था, लेकिन हाल की भारी बारिश ने उनकी पूरी फसल बर्बाद कर दी। शुक्रवार को जब वे अपने खेत का जायजा लेने गए, तो फसल की हालत देखकर टूट गए। घर लौटने के बाद उन्होंने कीटनाशक का सेवन कर लिया।
परिवार के सदस्य उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना से परिवार गहरे सदमे और शोक में है।
केंद्रापड़ा जिले में यह दूसरी ऐसी घटना है। इससे पहले डेराबिशी ब्लॉक के अंतर्गत सांथापुर गांव के 52 वर्षीय किसान गौरहरि मलिक की भी फसल बर्बाद होने से दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।
इससे पहले गंजाम जिले के छत्रपुर ब्लॉक के बड़माधापुर के बारंग गांव में एक किसान ने पांच एकड़ जमीन पर फसल उगाई थी। इसके लिए उसने 2 लाख रुपये का कर्ज लिया था। असमय बारिश के कारण फसल के नुकसान को देखकर वह मानसिक रूप से टूट गया और उसने आत्महत्या का कदम उठाया था।

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