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भुवनेश्वर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं का पैसा लौटाएगी ओडिशा सरकार

  • मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की घोषणा

  • 1,542 मल्टीपर्पस प्राइमरी एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव्स की शुरुआत

भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घोषणा की कि उनकी सरकार 2015 में बंद हुए भुवनेश्वर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं का पैसा लौटाएगी।
एक कार्यक्रम में 1,542 मल्टीपर्पस प्राइमरी एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव्स की शुरुआत करते हुए माझी ने कहा कि उनकी सरकार का यह कदम सहकारी बैंकिंग प्रणाली में जनता का विश्वास बहाल करने के लिए है।
उल्लेखनीय है कि 2015 में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद यह बैंक बंद हो गया था। राज्य सरकार इसे किसी अन्य सहकारी बैंक के साथ विलय कराने में असफल रही थी। इससे 13,797 जमाकर्ताओं को लगभग 30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि 1,760 ग्राहकों से 17.82 करोड़ रुपये का ऋण वसूल नहीं किया जा सका।
नए मल्टीपर्पस प्राइमरी एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव्स (एमपीएसी) की शुरुआत के बाद इनकी संख्या बढ़कर 4,253 हो गई। माझी ने बताया कि सरकार सहकारी क्षेत्र में 54 नई योजनाओं पर काम कर रही है। इनमें प्राइमरी एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव्स (पीएसी) के विविधीकरण के लिए मॉडल उपनियम, कंप्यूटराइजेशन, खाद-बीज की आपूर्ति, पब्लिक मेडिसिन सेंटर, कॉमन सर्विस सेंटर और एग्रीकल्चर सर्विस सेंटर की स्थापना शामिल है।
सरकार ने पहले चरण में 77 पीएसी को मॉडल पीएसी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। ये मॉडल पीएसी एक ऐसा केंद्र बनेंगे जहां कृषि से संबंधित सभी सेवाएं उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी समितियों को ग्रामीण आर्थिक विकास का प्रमुख आधार बनाया जाएगा। भ्रष्टाचार रोकने के लिए सभी सहकारी समितियों के खातों की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं।
ओडिशा में सहकारिता आंदोलन को जन आंदोलन में बदलने का संकल्प: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बुधवार को सहकारी आंदोलन को अधिक जनोन्मुखी बनाने और ग्रामीण आर्थिक विकास का प्रमुख आधार बनाने के लिए राज्य सरकार की प्राथमिकताओं पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के सहयोग से राज्य सरकार ने 54 नई योजनाएं शुरू की हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और बड़ी क्षेत्रीय बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के लिए मॉडल उपनियमों का प्रावधान, कम्प्यूटरीकरण, उर्वरक और बीज की आपूर्ति, सार्वजनिक औषधि केंद्र, कृषि सेवा केंद्र, उपभोक्ता स्टोर और वैज्ञानिक अनाज भंडारण केंद्रों की स्थापना प्रमुख कार्यक्रमों में शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि पहले चरण में 77 पीएसी को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा, जो वन-स्टॉप शॉप की तरह काम करेंगे, जहां कृषि से जुड़ी सभी सुविधाएं एक ही जगह पर उपलब्ध होंगी।
सहकारी संगठनों पर कम्प्यूटरीकरण और पारदर्शिता पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी संगठनों को किसानों की समस्याओं को वास्तविक समय में हल करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि कम्प्यूटरीकरण के बावजूद अगर संगठन एक्सेल शीट में आंकड़े अपडेट करते रहे, तो भ्रष्टाचार की संभावना बनी रहेगी। उन्होंने सभी प्राथमिक सहकारिताओं के खातों की ऑडिट का आदेश दिया।
कृषि क्षेत्र में सहकारी संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका
मुख्यमंत्री ने बताया कि ओडिशा में 60% से अधिक फसल ऋण सहकारी बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाता है, जो राज्य में कृषि क्षेत्र में सहकारी संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। उन्होंने किसानों से समय पर ऋण चुकाने की अपील की और कहा कि ऋण देने में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है।
डेयरी किसानों के लिए नई योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने डेयरी किसानों को सशक्त बनाने के लिए गो-माता योजना और कामधेनु योजना को लागू करने का निर्णय लिया है। ओएमएफईडी (ओडिशा मिल्क फेडरेशन) राज्य के डेयरी किसानों की रीढ़ बन चुका है।
गोपालपुर सहकारी प्रशिक्षण केंद्र के विकास के लिए समझौता
इस अवसर पर गोपालपुर सहकारी प्रशिक्षण केंद्र के विकास के लिए एक समझौता किया गया। मुख्यमंत्री ने कुछ सहकारी समितियों के सदस्यों को माइक्रो एटीएम और रुपे कार्ड भी वितरित किए।
मुख्यमंत्री ने सहकारी आंदोलन को जन आंदोलन में बदलने का संकल्प व्यक्त किया और कहा कि सहकारी समितियां राज्य के ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

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