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ओडिशा सोलर इन्वेस्टर कॉन्क्लेव: डेवलपर्स, उपभोक्ताओं और सरकार का संगम
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार अक्षय ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2070 तक का मार्ग प्रशस्त किया है। सौर ऊर्जा राज्य के विकास के लिए एक प्रमुख कारक है और ओडिशा के पास इसे हासिल करने के लिए सभी साधन उपलब्ध हैं। हमारा निवेश वातावरण अनुकूल है, हमारी प्रणाली मजबूत है और हमारे पास इसे उपयोग में लाने की इच्छाशक्ति है। ओडिशा के ऊर्जा और कृषि एवं किसान सशक्तिकरण मंत्री तथा उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव ने यह बात कही। वह भुवनेश्वर में ग्रीडको लिमिटेड और आई फारेस्ट इंटरनेशनल फोरम फॉर एनवायरनमेंट सस्टेनेबिलिटी एंड टेक्नोलॉजी) द्वारा आयोजित ओडिशा सोलर इन्वेस्टर कॉन्क्लेव के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इस कान्क्लेव में ओडिशा की अक्षय ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य के 2030 तक 7.5 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया, जो राज्य के 10.95 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है।
इस सम्मेलन में 150 से अधिक वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं, 100 से अधिक सौर ऊर्जा डेवलपर्स और 400 से अधिक प्रतिभागियों ने निवेश के अवसरों, साझेदारी और नीति ढांचे पर चर्चा की, जो ओडिशा को सौर ऊर्जा का केंद्र बनाने में मदद करेगा।
कहा कि कार्यक्रम में बोलते हुए ऊर्जा विभाग के सचिव विशाल कुमार देव ने कहा कि ओडिशा ऊर्जा परिवर्तन के एक परिवर्तनकारी दौर के कगार पर है। स्वच्छ और किफायती ऊर्जा की मांग वैश्विक जलवायु परिवर्तन चुनौती को संबोधित करने के लिए पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। यह सम्मेलन हमारी स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
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