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जमा 72 लाख रुपये से अधिक की राशि फ्रीज की गई
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10 लाख रुपये के शेयर जब्त
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चेक बुक और डिजिटल उपकरणों जैसे कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद
भुवनेश्वर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीजद मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक के भाई से जुड़े एनजीओ भारत इंटीग्रेटेड सोशल वेलफेयर एजेंसी (बिश्वा) पर 18 दिसंबर को छापेमारी के दौरान 505 बेनामी बैंक खातों का पता लगाया।
ईडी ने शुक्रवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। इसमें बताया गया है कि यह छापेमारी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत भुवनेश्वर और नई दिल्ली के चार अलग-अलग स्थानों पर की गई। जांच के दौरान 505 बेनामी खातों में जमा 72 लाख रुपये से अधिक की राशि फ्रीज की गई और 10 लाख रुपये के शेयर जब्त किए गए। इसके साथ ही बिक्री विलेख, चेक बुक और डिजिटल उपकरणों जैसे कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए।
200 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी में लिप्त
जांच में यह पाया गया कि यह एनजीओ 200 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक धोखाधड़ी में शामिल था। छानबीन के दौरान एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे स्व-सहायता समूहों और संयुक्त देयता फर्मों के 505 बेनामी खातों और उनसे जुड़े हस्ताक्षरित और गैर-हस्ताक्षरित चेक बुक बरामद किए गए।
ईडी ने ओडिशा पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर पीएमएलए के तहत जांच शुरू की थी। जांच में यह भी सामने आया कि बिश्वा का संचालन प्रमिला मल्लिक के भाई क्षिरोद चंद्र मल्लिक द्वारा किया जा रहा था।
आरबीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन
ईडी के मुताबिक, स्व-सहायता समूहों और संयुक्त देयता फर्मों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के नाम पर क्षिरोद ने धन का दुरुपयोग किया और आरबीआई के दिशा-निर्देशों के खिलाफ जाकर सार्वजनिक जमा स्वीकार करना शुरू कर दिया। ईडी की इस कार्रवाई से एनजीओ की वित्तीय अनियमितताओं और बैंक धोखाधड़ी के पीछे के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश होने की संभावना है।