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तिब्बती यूथ कांग्रेस की राष्ट्रीय बाइक यात्रा का भुवनेश्वर में स्वागत

  • तिब्बतियों की दुर्दशा और चीनी कब्जे के कारण निर्वासन में जी रहे तिब्बतियों की स्थिति को उजागर का प्रयास

भुवनेश्वर। तिब्बत की स्वतंत्रता के समर्थन में आयोजित तिब्बती यूथ कांग्रेस की राष्ट्रीय बाइक यात्रा आज भुवनेश्वर पहुंची। यह यात्रा तिब्बतियों की दुर्दशा और चीनी कब्जे के कारण निर्वासन में जी रहे तिब्बतियों की स्थिति को उजागर करने और जागरूकता बढ़ाने का एक व्यापक प्रयास है।
तिब्बत पर कब्जे के बाद चीन ने तिब्बती संस्कृति, भाषा और परंपराओं को मिटाने का प्रयास किया है। चीनी सरकार तिब्बती पहचान को दबाने और उन्हें चीनी संस्कृति में जबरन शामिल करने की आक्रामक नीति अपनाती रही है। तिब्बती लोगों को चीन के अन्य हिस्सों में जबरन स्थानांतरित किया जा रहा है, तिब्बती महिलाओं की जबरन शादी कराई जा रही है, और बच्चों को बोर्डिंग स्कूलों में भेजा जा रहा है। तिब्बत में अंतरराष्ट्रीय समुदाय, प्रेस और मानवाधिकार संगठनों की पहुंच पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
तिब्बती यूथ कांग्रेस अपने प्रयासों के तहत भारत के हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती सरकार के नेतृत्व में निर्वासन में रह रहे पारंपरिक तिब्बती समुदाय को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रही है। यह समूह तिब्बत की स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन करने और चीनी विस्तारवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए सक्रिय है।
भुवनेश्वर में इस यात्रा का स्वागत लोहिया अकादमी में किया गया, जहां अरुणाचल प्रदेश के तिब्बत सीमा क्षेत्रों से आए प्रतिभागियों को गर्मजोशी से सम्मानित किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व तिब्बती यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष गोम्पो धुंडुप ने किया।
इस यात्रा में सेरिंग चॉम्पफेल, तेंजिन लोबसांग, सेरिंग दोरजी, रिगजेन लह्वांग, फुंत्सोक देयाल भूटिया, थिनले नामग्याल, सोहियल, तेंजिन फाल्गे, तेंजिन थारपा, कर्मा सेरिंग भूटिया, सेवांग ग्याल्पो, दावा, कर्मा ताशी, रिनजिन टंडुप और अन्य प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। उन्होंने भारत के 20 राज्यों में 15,000 किलोमीटर की दूरी तय कर तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए जागरूकता अभियान चलाया।
इस कार्यक्रम के दौरान, कृष्णा मोहंती, शारदा चरण मोहंती, प्रो प्रफुल्ल सामंतराय, डॉ विश्वजीत, जस्टिस मनोरंजन मोहंती, बिरुपाक्ष त्रिपाठी, मिहिर प्रताप दास, हरिहर सेन, मानस पटनायक, सूर्यनारायण नाथ, आद्य श्लोक मिश्र और अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने चीन की विस्तारवादी नीतियों की कड़ी निंदा की और तिब्बत की स्वतंत्रता के आंदोलन का समर्थन व्यक्त किया।

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