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प्राथमिक स्कूल से विश्वविद्यालय स्तर तक योजना होगी लागू : मुख्यमंत्री
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार संथाली भाषा में शिक्षा प्रदान करने की योजना बना रही है, जो प्राथमिक स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक लागू होगी।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने यह घोषणा केंदुझर में ऑल इंडिया संथाली राइटर्स एसोसिएशन की सातवीं वार्षिक बैठक का उद्घाटन करते हुए की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि संथाली समुदाय की ओल-चिकी लिपि 1925 में पंडित रघुनाथ मुर्मू ने विकसित की थी। उन्होंने कहा कि यह पंडित मुर्मू को सच्ची श्रद्धांजलि होगी कि यदि सभी कक्षाओं के छात्रों को संथाली भाषा में पढ़ाई का अवसर मिले।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहल के कारण संथाली भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान मिला। मुख्यमंत्री ने वाजपेयी के योगदान के प्रति आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने संथाली लेखकों से अपील की कि वे भाषा, परंपरा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए समर्पित प्रयास करें। उन्होंने कहा कि संथाली में लिखित साहित्यिक कृतियों का अन्य भाषाओं में अनुवाद भी किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन के संस्थापक दिवंगत कंद्रा मुर्मू और पूर्व अध्यक्ष दिवंगत रूपचंद हांसदा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर एसोसिएशन की साहित्यिक पत्रिका का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सरोज कुमार सोरेन ने की, जिसमें कई विधायक और समुदाय के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।