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मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की घोषणा
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उच्चस्तरीय जांच के लिए शुरू हुई पहल
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महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कम सजा दर पर चिंता जताई
कटक। ओडिशा सरकार राज्य में साइबर अपराध से निपटने के लिए एक नई साइबर अपराध शाखा की स्थापना करेगी। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को 69वें पुलिस ड्यूटी मीट के समापन समारोह को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि साइबर धोखाधड़ी, डिजिटल अपराध और निवेश घोटाले हर दिन बढ़ रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार पुलिस विभाग के साइबर सेल को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी जिलों में साइबर पुलिस थानों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, राज्य में उच्चस्तरीय जांच और साइबर अपराधों की निगरानी के लिए एक साइबर अपराध शाखा बनाई जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिकारी को दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कम सजा दर पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कम सजा दर का मुख्य कारण पेशेवर जांच की कमी और पूर्व में राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है। राज्य की सजा दर को राष्ट्रीय औसत तक लाने के लिए हमारी सरकार ठोस कदम उठा रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार चार जिलों में महिला अदालतें स्थापित करने जा रही है। अब पुलिस पेशेवर और वैज्ञानिक तरीके से जांच कर साक्ष्य प्रस्तुत करेगी, ताकि अपराधियों को सजा दिलाई जा सके। हमारी सरकार महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी।
पुरी में तीन नए थाने
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री माझी ने पुरी जिले के अस्तरंग, बालंगा और डेलांग में नए पुलिस थानों का उद्घाटन किया। उन्होंने पुलिस व्यवस्था के आधुनिकीकरण, सुधार और कुशल मानव संसाधन की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल का आधा-अधूरा प्रशिक्षण अपराधियों को पकड़ने और सजा दिलाने में रुकावट बनता है। सभी पुलिस थानों को आवश्यक वाहनों और संसाधनों से लैस किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने 5,000 पदों पर भर्ती करने का निर्णय लिया है।
अपराधियों को संरक्षण नहीं
मुख्यमंत्री ने हाल ही में कुछ मामलों को सफलतापूर्वक सुलझाने के लिए पुलिस की सराहना भी की। साथ ही उन्होंने पुलिस अधिकारियों को समाज में अव्यवस्था फैलाने वाले अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
माझी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिन अपराधियों को पहले सुरक्षा दी जाती थी, अब उन्हें कोई संरक्षण नहीं मिलेगा। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।