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ओडिशा सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया के तहत होगा कार्य
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तीन महीनों के भीतर पूरा किया जाएगा काम – हरिचंदन
पुरी। पुरातत्व सर्वेक्षण भारत (एएसआई) ने मंगलवार को पुरी श्रीमंदिर के रत्न भंडार की बहुप्रतीक्षित मरम्मत और नवीनीकरण कार्य शुरू किया। यह कार्य ओडिशा सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार किया जाएगा।
यह मरम्मत कार्य पुरातत्व सर्वेक्षण भारत (एएसआई) और मंदिर के विशेषज्ञों की निगरानी में किया जा रहा है। मरम्मत और नवीनीकरण कार्य में संरक्षक, रासायनिक विशेषज्ञ, चिकित्सा पेशेवर, अग्निशमन सेवाओं के अधिकारी और विशेष एएसआई टीम शामिल हैं।
ओडिशा के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मरम्मत कार्य शुरू हो चुका है और इसे तीन महीनों के भीतर पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एएसआई ने हमें तीन महीने का समय दिया है, लेकिन हमने उनसे कार्य को जल्दी पूरा करने का आग्रह किया है।
मंत्री के अनुसार, रत्न भंडार की मरम्मत और नवीनीकरण कार्य के लिए एक विशिष्ट समय निर्धारित किया गया है और इसका मंदिर के अनुष्ठानों या भक्तों के दर्शन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
इस बीच, एएसआई अधिकारियों ने कहा कि पहले दिन आज कुछ मरम्मत कार्य किया जाएगा, लेकिन मुख्य रूप से वे मंदिर के अनुष्ठानों के समय का पालन करेंगे ताकि उनका कार्य भगवान जगन्नाथ, देव बलभद्र और माता सुभद्रा के अनुष्ठानों में विघ्न न डाले।
मरम्मत कार्य के दौरान मंदिर आने वाले भक्त ‘बाहर कथा’ से दर्शन कर सकेंगे। हर दिन मरम्मत कार्य दूसरे भोग मंडप के बाद 5 घंटे तक किया जाएगा। यह कार्य रोज़ 12.30 बजे या 1.00 बजे से शुरू होगा और शाम 6.00 बजे तक जारी रहेगा।
पहले चरण में लोहे के खंभे लगाए जाएंगे, ताकि मरम्मत कार्य के लिए संरचनात्मक समर्थन मिल सके। उसके बाद कक्षों से पलस्तर हटाया जाएगा। इसके बाद लोहे की बीम और चट्टान का काम किया जाएगा। रत्न भंडार के बाहरी और आंतरिक दोनों हिस्सों पर एक साथ काम किया जाएगा।