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5 दिसंबर को पत्र लिखकर मांगा था समय
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मुलाकात के अनुरोध से उठे कई सवाल, मिलने को लेकर कोई पुष्टि नहीं
भुवनेश्वर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा एसटी और एससी विकास, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव विष्णुपद सेठी को तलब किए जाने के बाद ब्रिज एंड रूफ कंपनी के उच्चाधिकारियों द्वारा आईएएस अधिकारी से मुलाकात की अर्जी ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 7 दिसंबर को ब्रिज एंड रूफ कंपनी के खिलाफ छापेमारी से दो दिन पहले 5 दिसंबर को कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी चंचल मुखर्जी ने विष्णुपद सेठी से मुलाकात की अर्जी दी थी। यह पत्र अब सामने आया है, जिसमें इस मुलाकात का अनुरोध किया गया था।
5 दिसंबर को लिखे गए पत्र में ब्रिज एंड रूफ कंपनी ने आईएएस अधिकारी से मिलने की अनुमति मांगी थी। पत्र में लिखा गया था कि मान्यवर, हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि हमारे अधिकारी सीके मुखर्जी और बीके सिंह, जीएम (ईस्ट कोस्ट), विभिन्न परियोजनाओं के संबंध में आपके साथ मुलाकात करना चाहते हैं, जिन्हें हमने ओडिशा के विभिन्न जिलों में निष्पादित किया है।
मुलाकात की पुष्टि नहीं
हालांकि, अभी तक इस बात के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि विष्णुपद सेठी और चंचल मुखर्जी के बीच मुलाकात हुई थी।
समयरेखा पर सवाल
गौरतलब है कि 19 अक्टूबर को विष्णुपद सेठी ने ब्रिज एंड रूफ कंपनी को आश्रम स्कूल और हाई स्कूलों के उन्नयन कार्यों का ठेका मंजूर किया था। इसके बाद से लगातार होने वाली घटनाओं की समयरेखा पर सवाल उठ रहे हैं।
संदेहों के घेरे में अधिकारी, राजनीति तेज
सीबीआई की छापेमारी और ब्रिज एंड रूफ कंपनी के अधिकारियों द्वारा मुलाकात की अर्जी ने मामले को और पेचीदा बना दिया है। इस पूरी कड़ी की गहन जांच जारी है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि इस मुलाकात का उद्देश्य और परियोजनाओं में संभावित अनियमितताओं की सच्चाई क्या है। इस मामले को लेकर ओडिशा में राजनीति भी तेज हो गयी है।