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कांग्रेस, बीजद और भाजपा के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी
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कांग्रेस ने जांच की गति पर उठाए सवाल
भुवनेश्वर। ओडिशा में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विष्णुपद सेठी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा रिश्वतखोरी के एक हाई-प्रोफाइल मामले में समन भेजे जाने के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है। इस मामले को लेकर कांग्रेस, बीजद और भाजपा के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली।
कांग्रेस के नेता जयदेव जेना ने सीबीआई की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए इसे महज एक औपचारिकता करार दिया। उन्होंने आशंका जताई कि यह जांच आगे चलकर धीमी पड़ जाएगी।
जयदेव जेना ने कहा कि विष्णुपद सेठी जैसे वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ की गई सीबीआई कार्रवाई दिखावे से अधिक कुछ नहीं है। यह पहले भी देखा गया है कि बीजद सरकार के समय के भ्रष्टाचार के मामलों को भाजपा ने दबा दिया।
बीजद ने जीरो टॉलरेंस नीति का किया बचाव
बीजू जनता दल (बीजद) ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सरकार के भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का बचाव किया। पार्टी के नेता सुधीर कुमार सामल ने कहा कि हमारी सरकार ने पहले भी भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की है। पूर्व में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित किया गया था। लेकिन, ऐसे मामलों का निपटारा जल्द होना चाहिए और इसमें ‘तारीख पर तारीख’ जैसा कुछ नहीं होना चाहिए।
भाजपा का सख्त रुख
भाजपा ने भ्रष्टाचार पर अपनी कड़ी नीति का जिक्र करते हुए सत्तारूढ़ बीजद पर हमला बोला। भुवनेश्वर-एकाम्र विधायक बाबू सिंह ने कहा कि पिछले 24 वर्षों के बीजद शासन में भ्रष्टाचार चरम पर था। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि कोई भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह अधिकारी हो, नेता हो या पार्टी कार्यकर्ता, सभी को जेल भेजा जाएगा।
लोगों के बीच भी चर्चा तेज
सीबीआई के इस कदम और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया के बाद राज्य में आम जनता के बीच भी इस मामले को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि यह जांच किस अंजाम तक पहुंचेगी और क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार और एजेंसियों की कार्रवाई वास्तव में प्रभावी होगी।