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ओडिशा की कला, संस्कृति और परंपरा का अद्वितीय प्रदर्शन
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ओडिशा मंडप हमारे ओड़िया अस्मिता का प्रतीक – संस्कृति मंत्री सूर्यवंशी सूरज
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कहा- ओडिशा के कला, संस्कृति और धरोहर को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करना हमारे लिए गर्व की बात
भुवनेश्वर। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित 9वें अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ओडिशा ने राज्य भागीदार (स्टेट पार्टनर) के रूप में हिस्सा लेते हुए अपनी समृद्ध कला, संस्कृति और परंपरा का अनूठा प्रदर्शन किया। महोत्सव में ओडिशा मंडप विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जहां राज्य की ऐतिहासिक धरोहर, कला और संस्कृति को बड़े भव्य तरीके से प्रदर्शित किया गया।
मंडप में ओडिशा के प्रसिद्ध चित्रकला, हस्तशिल्प आदि का प्रदर्शन किया गया। पुरी के जगन्नाथ मंदिर, कोणार्क सूर्य मंदिर के साथ-साथ राज्य के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास की जानकारी भी दी गई। साथ ही, प्रसिद्ध खाद्य पदार्थ रसगुल्ला और छेनापोड़ का स्वाद भी आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना।
गीता महोत्सव के सांस्कृतिक मंच पर ओडिशा का शास्त्रीय नृत्य ओड़िशी और लोकनृत्य जैसे ड़ालखाइ, रसरकेलि, घुमुरा, बजशाल, पशुमुखा, गोटिपुअ आदि ने दर्शकों को मन्त्रमुग्ध किया।
ओडिशा के संस्कृति मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि गीता महोत्सव में राज्य भागीदार (स्टेट पार्टनर) के रूप में शामिल होना ओडिशा के लिए गर्व की बात रही है। ओडिशा मंडप हमारे ओड़िया अस्मिता का प्रतीक है, जहां हमारे संस्कृति, लोकनृत्य, हस्तशिल्प और राज्य के पर्यटन स्थलों की अद्वितीय झलक देखने को मिला है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव जैसे मंचों पर हमारी सांस्कृतिक विविधता और विरासत की प्रस्तुति हमारी वैश्विक पहचान को और मजबूत करती है।
उल्लेखनीय है कि 9वां अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 28 नवंबर से शुरू होकर 15 दिसंबर तक हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित किया गया। 2016 में गीता महोत्सव की शुरुआत भारत में होने के बाद, 2019 से यह लंदन, कनाडा, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी आयोजित किया जा रहा है।