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150 ओडिशा गांवों के डूबने का दावा
भुवनेश्वर। वरिष्ठ पार्टी नेता और विधायक प्रसन्न आचार्य द्वारा ओडिशा में महानदी नदी के भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त करने के तुरंत बाद बीजू जनता दल (बीजद) ने शनिवार को घोषणा की कि वह आंध्र प्रदेश में पोलावरम परियोजना के खिलाफ अपना आंदोलन जनवरी 2025 से तेज करेगी।
गोदावरी नदी पर बन रहे बहुउद्देश्यीय अंतर-राज्यीय बांध का कड़ा विरोध करते हुए बीजद ने कहा कि पार्टी मालकानगिरि जिले के मोटू से लेकर नई दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगी।
पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि बीजद अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पार्टी कार्यकर्ताओं को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। हालांकि, आंदोलन तेज करने से पहले बीजद मालकानगिरि के लोगों की पोलावरम परियोजना के मुद्दे पर राय लेगा।
बीजद ने आशंका व्यक्त की है कि पोलावरम परियोजना के मौजूदा डिजाइन से ओडिशा के मोटू क्षेत्र के करीब 150 गांव डूब जाएंगे।
पार्टी ने बताया कि इस साल जुलाई और अगस्त में एक बीजद प्रतिनिधिमंडल ने मोटू क्षेत्र का दौरा किया था। उन्होंने परियोजना से ओडिशा को होने वाले संभावित नुकसान पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर इसे पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक को सौंपा।
हाल ही में बीजद का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली गया और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री तथा केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष से मुलाकात कर परियोजना की नई बैकवाटर अध्ययन की मांग की।
गौरतलब है कि बीजद, जिसने लगभग 24 वर्षों तक ओडिशा पर शासन की, पोलावरम अंतर्राज्यीय परियोजना का वर्षों से विरोध कर रही है। पार्टी का आरोप है कि बाढ़ निकासी क्षमता के मूल डिजाइन में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिससे इसे 36 लाख क्यूसेक से बढ़ाकर 50 लाख क्यूसेक कर दिया गया है।
पार्टी का दावा है कि यह बदलाव ओडिशा और छत्तीसगढ़ (पूर्व में मध्यप्रदेश का हिस्सा) जैसे अपस्ट्रीम राज्यों पर बैकवाटर प्रभाव की पर्याप्त जांच के बिना किया गया है, जिससे मालकानगिरि की आबादी पर जमीन और घर खोने का खतरा मंडरा रहा है।
बीजद ने यह भी कहा कि बाढ़ निकासी डिजाइन में बदलाव से ओडिशा में अधिकतम बैकवाटर स्तर 174.22 फीट हो जाएगा, जबकि इसे पहले 150 फीट रखा गया था ताकि राज्य में डूब क्षेत्र को सीमित किया जा सके।