भुवनेश्वर। सरकारी धन के दुरुपयोग से जुड़ी एक बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी सामने आई है, जिसमें ओडिशा सतर्कता विभाग ने 4.03 करोड़ रुपये के वैट रिफंड घोटाले में कथित भूमिका के लिए एक सरकारी अधिकारी सहित तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आरोपी व्यक्ति, सत्यकी पटनायक और दीप्तिकांत चौधरी (निजी व्यक्ति), सीटी और जीएसटी विभाग भुवनेश्वर के एक स्टाफ सदस्य अविनाश प्रधान (वर्तमान में जयपुर में सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी (एसीटीओ) के रूप में तैनात) को गिरफ्तार किया गया है। जांच के दौरान यह पता चला कि आरोपी ने अन्य सीटी और जीएसटी अधिकारियों के साथ मिलकर वित्तीय दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करके और जाली वैधानिक फॉर्म जमा करके धोखाधड़ी से 4.03 करोड़ रुपये का वैट रिफंड प्राप्त किया। उन्होंने धनराशि निकालने के लिए एमएस जी.ई. वेरोना टीएंडडी लिमिटेड (पूर्व में जीई टीएंडडी इंडिया लिमिटेड) के अधिकृत प्रतिनिधियों का रूप धारण किया। निष्कर्षों के आधार पर, जालसाजी, प्रतिरूपण और आपराधिक साजिश के आरोपों सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। आरोपी व्यक्तियों को अपराध से जोड़ने के पर्याप्त सबूत मिलने के बाद गिरफ्तारियां किया गया है। तीनों को विशेष न्यायाधीश, सतर्कता, भुवनेश्वर की अदालत में पेश किया गया। सतर्कता विभाग ने कहा कि घोटाले में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान करने के लिए आगे की जांच जारी है।
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