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हंगामे के कारण ओडिशा विधानसभा 18 दिन पहले स्थगित

  • केवल 12 कार्यदिवस तक चला शीतकालीन सत्र

भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को हंगामे के बीच 18 दिन पहले स्थगित कर दिया गया। यह सत्र केवल 12 कार्यदिवस तक चला, जबकि इसे 30 कार्यदिवस तक चलने का कार्यक्रम तय था। सत्र की शुरुआत 26 नवंबर को हुई थी और यह 31 दिसंबर तक चलने वाला था। इसमें 20 दिन सरकारी कामकाज और 5 दिन निजी सदस्य कार्य के लिए आरक्षित थे।
सत्र की शुरुआत पहले दिन ही विपक्षी सदस्यों के हंगामे के साथ हुई, जब संविधान दिवस के मौके पर विधानसभा परिसर में प्रदर्शित भारतीय संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द हटाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ।
2 दिसंबर को आलू की कमी ने सदन को हिलाकर रख दिया था। आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही पोलावरम बांध परियोजना पर 6 दिसंबर को सदन में चर्चा के लिए विपक्षी कांग्रेस और बीजद की मांग को स्पीकर सुरमा पाढ़ी द्वारा खारिज किए जाने के बाद शोरगुल हुआ था। एक दिन बाद विपक्षी बीजद सदस्यों ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के इस आरोप का विरोध करते हुए हंगामा किया कि पिछले नवीन पटनायक शासन के दौरान एएसओ की नौकरियां बेची जा रही थीं। मंगलवार को भी हंगामा जारी रहा और विपक्ष ने ‘मिशन शक्ति’ योजना के तहत लगभग 60,000 महिला सहायक कर्मचारियों को कथित तौर पर वेतन न दिए जाने को लेकर सदन के अंदर विरोध प्रदर्शन किया।
इससे पहले इस सत्र के पहले दिन दिवंगत विधायकों के लिए शोक प्रस्ताव लाया गया था। पहले दिन ही वित्त विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पूरक बजट पेश किया था। इसी तरह 5 दिसंबर को 12 हजार 156 करोड़ रुपये का विनियोग बिल पारित किया गया था।
इस सत्र में कुल तीन विधायक पारित किये गये। इसमें जीएसटी बिल, ओडिशा निवेश (संख्या 2) बिल और ओडिशा सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निरोध) बिल-2024 शामिल हैं। हालांकि, ओडिशा विश्वविद्यालय संशोधन बिल-2024 को सरकार ने सदन में पेश किया गया था, लेकिन इस पर न चर्चा की गई और न ही इसे पारित किया गया।
अखिल भारतीय डीजी सम्मेलन के लिए सदन की कार्यवाही 2 दिन के लिए स्थगित रही। सदन में प्रश्नकाल के दौरान कुल 24 स्टार प्रश्नों पर प्रश्नों पर चर्चा हुई, जबकि 1750 प्रश्नों के उत्तर सरकार की ओर से लिखित रूप में दिए गए हैं। इसके अलावा, विधायकों के 2295 अन स्टार्ड प्रश्नों में से 2191 प्रश्नों के लिखित उत्तर भी सरकार ने दिए। विपक्षी दलों 8 कार्यस्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस दी गयी। इसमें से 6 प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जबकि 2 कार्यस्गन प्रस्तावों अस्वीकार कर दिए गए।

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