-
बीजद और भाजपा में जमकर आरोप-प्रत्यारोप
-
नवीन पटनायक ने वेतन को रोकने की साजिश का आरोप लगाया
-
प्रदर्शनकारियों को गुमराह करने की कोशिश न की जाए – प्रभाती
भुवनेश्वर। मिशन शक्ति महिलाओं के वेतन को लेकर ओडिशा की राजनीति में गहमागहमी बढ़ गई है। बीजद और भाजपा एक-दूसरे पर साजिश और गुमराह करने के आरोप लगाते हुए आमने-सामने आ गए हैं।
विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने राज्य की भाजपा सरकार पर मिशन शक्ति के समर्थन कर्मियों के वेतन को रोकने की साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति के तहत 70 लाख महिलाएं काम करती हैं। बीजू जनता दल ने हमेशा उनका समर्थन किया है और करता रहेगा। भाजपा सरकार का यह कदम महिलाओं के खिलाफ साजिश है, जिसे मैं कड़ी निंदा करता हूं।
इस बीच, मिशन शक्ति के सैकड़ों समर्थन कर्मियों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते हुए वेतन जारी करने और अन्य मांगों को लेकर नारेबाजी की। बीजद ने इस मुद्दे को विधानसभा में जोर-शोर से उठाते हुए सरकार से तुरंत वेतन भुगतान की मांग की।
उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने बीजद के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही चर्चा हो चुकी है। प्रदर्शनकारियों को गुमराह करने की कोशिश न की जाए। सरकार महिलाओं के हित में सभी जरूरी कदम उठाएगी।
भाजपा विधायक मनस कुमार दत्ता ने बीजद पर पलटवार करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने सेवा समझौते को अप्रैल 2024 में समाप्त होने के बाद नहीं बढ़ाया, जिससे यह समस्या खड़ी हुई है।
बीजद विधायक ध्रुव चरण साहू ने इसका जवाब देते हुए कहा कि सेवा समझौते को इसलिए नहीं बढ़ाया जा सका क्योंकि उस समय आदर्श आचार संहिता लागू थी। भाजपा इस मुद्दे पर राजनीति करना बंद करे।
मिशन शक्ति महिलाओं के वेतन का मामला अब राजनीतिक तकरार का केंद्र बन चुका है। प्रदर्शनकारियों की मांगें और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच ने माहौल को गरमा दिया है।