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ओडिशा के मिशन शक्ति विभाग में सहायक हैं महिलाएं, बीजद ने सदन में उठाया मुद्दा
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महिलाओं के मुद्दों की सदन के बाहर और अंदर गूंज सुनाई दी
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जीपीएलएफ मिशन शक्ति कार्यकर्ताओं का वेतन न मिलने पर विरोध प्रदर्शन
भुवनेश्वर। ओडिशा के मिशन शक्ति विभाग में सहायक के रूप में कार्यरत सैंकड़ों महिलाओं ने सोमवार को यहां विधानसभा के बाहर विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया। विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाते हुए तत्काल वेतन जारी करने की मांग की। प्रदर्शनकारी महिलाओं के मुद्दों की सदन के बाहर और अंदर गूंज सुनाई दी।
महिलाएं जब विधानसभा की ओर जाने वाले महात्मा गांधी मार्ग पर प्रदर्शन करते हुए नारे लगा रहीं थी, तब विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने उनके मुद्दों को उठाया। मलिक ने राज्यभर में विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों में सहायक कर्मियों के रूप में काम करने वाली करीब 60000 महिलाओं का वेतन रोक देने को लेकर राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना की।
मल्लिक ने कहा कि इन सहायक कर्मचारियों की भर्ती पिछली बीजद सरकार ने स्वयं सहायता समूहों की मदद के लिए की थी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद उनका वेतन बंद कर दिया। महिलाओं में डर है कि उनकी नौकरी खत्म कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक ने बतौर मुख्यमंत्री राज्य में 70 लाख महिलाओं को मिशन शक्ति के तहत लाकर उन्हें सशक्त बनाया।
बीजद विधायक ब्योमकेश राय ने भी मल्लिक का समर्थन किया और कहा कि महिलाओं को मास्टर बुक कीपर (एमबीके) बैंक मित्र, कृषि मित्र और प्राणी मित्र समेत कई प्रकार के पदों पर नियुक्त किया गया था। उन्हें राज्य और केंद्र की भागीदारी के जरिये वेतन प्रदान किया गया।
हालांकि, भाजपा सदस्य मानस दत्ता ने पिछली बीजद सरकार पर ठीकरा फोड़ा और अप्रैल, 2024 में समाप्त हो रहे उनके सेवा समझौते को आगे नहीं बढ़ाने के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने पूछा कि इस साल अप्रैल में सरकार में कौन था? पिछली सरकार ने उनकी नौकरी को विस्तारित क्यों नहीं किया?
दत्ता ने विपक्षी बीजद पर आंदोलनकारी महिलाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया।
ओडिशा के मिशन शक्ति कार्यक्रम से जुड़ी हजारों महिलाएं, जिनमें मास्टर बुक कीपर (एमबीके), बैंक मित्र, कृषि मित्र और प्राणी मित्र शामिल हैं, ने भुवनेश्वर के लोअर पीएमजी स्क्वायर पर वेतन न मिलने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
यह प्रदर्शन ऑल ओडिशा जीपीएलएफ (ग्राम पंचायत लेवल फेडरेशन) मिशन शक्ति वर्कर्स फ्रंट के बैनर तले आयोजित किया गया। प्रदर्शनकारियों ने नौ महीने से वेतन न मिलने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
महिलाओं ने दावा किया कि उनका वेतन अप्रैल से रुका हुआ है, जिससे उनके परिवारों का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है। मार्च में सरकार ने 6,250 से 10,750 रुपये प्रति माह तक वेतन वृद्धि की घोषणा की थी, लेकिन महिलाओं का आरोप है कि अब तक उन्हें उनका वादा किया गया भुगतान नहीं मिला है।
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि पूर्व बीजद सरकार उनके तीन महीने का वेतन बकाया है, जबकि वर्तमान मोहन मांझी के नेतृत्व वाली सरकार ने छह महीने का वेतन जारी नहीं किया है। डिप्टी सीएम प्रभाती परिडा से आश्वासन मिलने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
प्रदर्शन कर रही एक महिला ने बताया कि हमने यह मुद्दा अपने विभाग प्रमुखों के साथ उठाया था, लेकिन अब तक हमारे वेतन जारी करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब हम डिप्टी मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि वे हमारी समस्याओं का संज्ञान लें और जल्द से जल्द इसका समाधान करें।