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कोरोना को लेकर जारी लाकडाउन के कारण बंद था काम
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श्री मंदिर के उत्तर दरवाजे के सामने में ढाई एकड़ जमीन पर मलवा हटाया गया
भुवनेश्वर/पुरी. पुरी स्थित महाप्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर और राजधानी स्थित महाप्रभु लिंगराज मंदिर के सौंदर्यीकरण का कार्य एक बार फिर आज से शुरू हो गया है. कोरोना को लेकर जारी लाकडाउन की वजह से श्रीमंदिर और लिंगराज मंदिर के सौंदर्यीकरण का कार्य रोक दिया गया था. बुधवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिये पुरी श्रीमंदिर और भुवनेश्वर स्थित लिंगराज मंदिर के सौंदर्यीकरण के कार्य को लेकर समीक्षा की थी. समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री ने आज से सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू करने के लिए निर्देश दिया था. इस निर्देश के आधार पर पुनः सौंदर्यीकरण का काम शुरू हो गया है. कोविद-19 के नियमों का पालन करते हुए श्रमिक सौंदर्यीकरण का काम कर रहे हैं.
पुरी में श्री मंदिर के चारों तरफ 75 मीटर सुरक्षा जोन में यह काम किया जा रहा है. शुक्रवार को पुरी के उपजिलाधिकारी भवतारन साहू ने कहा कि मंदिर के उत्तरी तरफ काम फिर से शुरू कर दिया गया है, जहां लाकडाउन के कारण छोड़ा गया था. श्री मंदिर के उत्तर दरवाजे के सामने में स्थित उत्तर पारस मठ की ढाई एकड़ जमीन पर आज मलवा हटाया गया. लक्ष्मी बाजार और डोला बेदी क्षेत्र के दुकानदारों को पहले ही वित्तीय पैकेज दे दिया गया है.
श्रीमंदिर के पश्चिमी हिस्से के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम में असम यात्री निवास और नेपाल भवन के साथ बातचीत की प्रक्रिया में हैं, क्योंकि उन्हें अभी तक सरकार द्वारा कोई वित्तीय पैकेज नहीं प्रदान की गयी है. पूर्वी क्षेत्र को लेकर उन्होंने कहा कि मंगू मठ को गिराने के बाद अचारी मठ से एक सड़क तैयार की गई है. इस क्षेत्र को विश्वस्तरीय पर्यटनस्थल के रूप में तैयार करने के लिए सौंदर्यीकरण की योजना पर काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि बनिया पट्टी, खाजा पट्टी और बड़ा अखड़ा मठ के दुकान मालिकों को इस क्षेत्र को खाली कराने के बाद सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, पहले से ही मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. नगरपालिका बाजार परिसर का निर्माण किया जा रहा है. इससे सभी दुकानदारों को अपने व्यवसाय को वहाँ स्थानांतरित करने के लिए से पर्याप्त जगह मिल सकेगी. उन्होंने बताया कि कुल अनुमानित क्षेत्र में से लगभग 90 फीसदी जमीन राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित कर ली गयी है. बाकी 10 फीसदी जमीन कानूनी विवाद और मुकदमेबाजी में उलझी हुई है. सरकार उन मुद्दों को भी देख रही है. विभिन्न मठों के महंतों की शिकायतों के बारे में उन्होंने कहा कि प्रशासन हमेशा उनके दरवाजे तक गया है. हम नियमित अंतराल पर उनकी प्रतिक्रिया ले रहे हैं और हम उनके मुद्दों को हल करने के लिए जो कुछ भी बन सकेगा हम करेंगे.
इसी तरह, भुवनेश्वर नगर निगम के अधिकारियों ने भी शहर के लिंगराज मंदिर के आसपास से बेदखली और ढांचों को गिराने का कार्य फिर से शुरू कर दिया, ताकि सौंदर्यीकरण किया जा सके.
भुवनेश्वर नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त अबनिकांत पटनायक ने कहा कि हम लिंगराज मंदिर से सटी सड़क की निकासी और चौड़ीकरण को प्राथमिकता दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि अतिक्रमित ढांचे को ढाह दिया गया है. उन्होंने बताया कि आज सिर्फ उन्हीं घरों को गिराया गया, जिनके मालिक अपनी संपत्ति का स्वामित्व बीएमसी को हस्तांतरित करने के लिए सहमत थे.