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रायरंगपुर में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी
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जनजातीय अनुसंधान एवं विकास केंद्र का वर्चुअल उद्घाटन किया
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डांडबोस हवाई अड्डे के उन्नयन और रायरंगपुर उप-विभागीय अस्पताल में नए ब्लॉक के निर्माण की आधारशिला भी रखी
भुवनेश्वर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज ओडिशा के रायरंगपुर में कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें तीन रेल लाइनों—बांगीरिपोसी-गोरुमहिसानी
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि वह हमेशा इस धरती की बेटी होने पर गर्व महसूस करती हैं। व्यस्त जिम्मेदारियों और कार्यक्रमों के बावजूद उनका अपने जन्मस्थान और यहां के लोगों के प्रति प्रेम कभी कम नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह मातृभूमि हमेशा मेरे विचारों और कार्यों में रहती है। इस क्षेत्र के लोगों का शुद्ध और गहरा स्नेह मेरी आत्मा में गूंजता रहता है।
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि रेल परियोजनाएं और हवाई अड्डा इस क्षेत्र में परिवहन, व्यापार, और व्यवसाय को प्रोत्साहन देंगे। उन्होंने कहा कि नए अस्पताल की 100 बिस्तरों की सुविधा से स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि ओडिशा को भारत सरकार के पूर्वोदय दृष्टिकोण से काफी लाभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य, पर्यटन, कनेक्टिविटी और परिवहन सुविधाओं सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से पूरे क्षेत्र के विकास को गति दी जा रही है।
उन्होंने जनजातीय बच्चों की शिक्षा के लिए स्थापित किए जा रहे एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की भी सराहना की। उन्होंने खुशी जाहिर की कि ओडिशा में 100 से अधिक नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें से 23 स्कूल मयूरभंज जिले में हैं। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि इन विद्यालयों से शिक्षा प्राप्त करने के बाद जनजातीय बच्चे समाज और देश की प्रगति में गुणवत्तापूर्ण योगदान देंगे।
इस मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम, सांसद प्रताप षाड़ंगी व अन्य उपस्थित थे।
आर्थिक और सामाजिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
नई रेल परियोजनाएं मयूरभंज और केंदुझर के आदिवासी बहुल जिलों को ओडिशा के अन्य हिस्सों से जोड़ेंगी। इन क्षेत्रों में खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में है और यह परियोजनाएं औद्योगिक और पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार के अवसर बढ़ाने और सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करेंगी।
• बांगीरिपोसी-गोरुमहिसानी लाइन (86 किमी) : लागत ₹2,549 करोड़
• बुडामरा-चाकुलिया लाइन (60 किमी): लागत ₹1,639 करोड़
• बादामपहाड़-केन्दुझरगढ़ लाइन (82 किमी): लागत ₹2,106 करोड़