-
राज्य में कुल 11,710 बच्चे गंभीर तीव्र कुपोषण से पीड़ित
भुवनेश्वर। राज्य की महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रभारी तथा उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा के ओडिशा विधानसभा में दिये गये एक बयान से बड़ा खुलासा हुआ है। उनके बयान के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का गृह जिला कुपोषण में नम्बर 1 पर है, जबकि सीएम मोहन चरण माझी का गृह जिला का नंबर 2 पर है।
ओडिशा सरकार ने शनिवार को विधानसभा में बताया कि राज्य में कुल 11,710 बच्चे गंभीर तीव्र कुपोषण (एसएएम) से पीड़ित हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रभारी उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने भाजपा विधायक लक्ष्मण बाग के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। डिप्टी सीएम के अनुसार, राज्य के आदिवासी-प्रमुख मयूरभंज जिले में एसएएम से पीड़ित बच्चों की संख्या सबसे अधिक है, जहां 1460 बच्चे इस गंभीर स्थिति में हैं।
परिडा ने सदन में यह भी बताया कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के गृह जिले केंदुझर में भी 1,269 बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार पाए गए हैं। इसके अलावा, नवरंगपुर जिले में 760, रायगड़ा में 645, कलाहांडी में 636, मालकानगिरि में 570, गंजाम में 558 और बालेश्वर में 536 बच्चे गंभीर कुपोषण से प्रभावित हैं।
वहीं, ओडिशा के 30 जिलों में से सबसे कम एसएएम बच्चों की संख्या जगतसिंहपुर जिले में पाई गई है, जहां केवल 50 कुपोषित बच्चे हैं। यह आंकड़े राज्य में कुपोषण की गंभीर स्थिति को उजागर करते हैं और बच्चों में कुपोषण की रोकथाम के लिए तत्काल उपायों की आवश्यकता को स्पष्ट करते हैं।
उल्लेखनीय है कि इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों पर पूरक पोषण कार्यक्रम समेत कई योजनाएं लागू हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर बनाना और उन्हें कुपोषण से बचाना है।
इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने यह भी कहा कि अधिक से अधिक बच्चों को इन योजनाओं का लाभ देने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रेरित किया जा रहा है।