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दुनिया की निगाहें भारत के आयुर्वेद और योग परंपरा पर टिकी – राज्यपाल

  • छात्रों को विरासत के मूलभूत मूल्यों को बनाए रखते हुए नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया

  • पुरी में गोपबंधु आयुर्वेदिक महाविद्यालय का 75वां स्थापना दिवस मना

पुरी। दुनिया की निगाहें भारत के आयुर्वेद और योग परंपरा पर टिकी है। सभी ने अब आयुर्वेद की शक्ति को स्वीकारा है। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अपनी इस विरासत को समृद्ध करने के लिए ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद भी खोल रही है। उक्त बातें ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने कहीं।
आज महाप्रभु श्री जगन्नाथ की नगरी पुरी में गोपबंधु आयुर्वेदिक महाविद्यालय, पुरी के 75वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के उपस्थिति में उन्होंने छात्रों को विरासत के मूलभूत मूल्यों को बनाए रखते हुए नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
राज्यपाल रघुवर दास ने आयुर्वेद की प्राचीन परंपराओं के महत्व पर बल दिया और अपने संबोधन में कहा कि आयुर्वेद हमारे देश की गौरवमयी धरोहर है, जो न केवल उपचार के दृष्टिकोण से, बल्कि जीवन की सम्पूर्ण स्वस्थता को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने आयुर्वेद के इतिहास और इसके योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि यह चिकित्सा पद्धति आज दुनिया भर में अपनी प्रभावशीलता के लिए पहचानी जाती है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार आयुर्वेद के विकास और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत है और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया कि वे आयुर्वेद में शोध और नवाचार में अपनी भूमिका निभाएं। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे इस ज्ञान की गहरी समझ के साथ आयुर्वेद की प्राचीन परंपराओं को आधुनिक शोध और तकनीक के साथ जोड़ें ताकि यह पद्धति और अधिक प्रभावी हो सके।
आयुर्वेद एक पूर्ण स्वास्थ्य विज्ञान – मोहन
मुख्यमंत्री मोहन माझी ने इस अवसर पर कहा कि आयुर्वेद, एक प्राचीन और समृद्ध चिकित्सा विज्ञान है, जो 5,000 वर्षों से अधिक समय से भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा रहा है।
माझी कहा कि आयुर्वेद एक पूर्ण स्वास्थ्य विज्ञान है, जो उचित उपचार, संतुलित आहार और जीवनशैली के महत्व को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि मानव शरीर, जो आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी के पांच तत्वों से बना है, साथ ही आत्मा, आयुर्वेद के माध्यम से प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित कर जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकती है।
उन्होंने बताया कि 1949 में आयुर्वेदिक विद्यापीठ के रूप में स्थापित गोपाबंधु आयुर्वेद कॉलेज एक मॉडल संस्थान बन चुका है, जो आयुर्वेद में उच्च शिक्षा के लिए पूरे देश से छात्रों को आकर्षित करता है। कॉलेज ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रसिद्ध आयुर्वेद विशेषज्ञों को उत्पन्न किया है।
धन्वंतरि की जयंती पर विश्व आयुर्वेद दिवस मनाने का निर्णय
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें 2014 में आयुष मंत्रालय की स्थापना भी शामिल है। सरकार ने देव-वैद्य भगवान धन्वंतरि की जयंती पर ‘विश्व आयुर्वेद दिवस’ मनाने का निर्णय भी लिया है।

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