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शून्यकाल में उठा आलू की किल्लत व कीमतों में वृद्धि का मुद्दा

भुवनेश्वर। पश्चिम बंगाल से वहां की सरकार द्वारा आलू के ट्रकों को ओडिशा आने से रोकने के कारण राज्य में आलू की किल्लत देखने को मिली है। राज्य में आलू जहां तीस रुपये किलो बिक रहा था, वहीं आज यह 50 रुपये व कही-कहीं उससे भी ज्यादा कीमत में बिकने लगा है। राज्य में आलू की कमी व मूल्य में वृद्धि का मुद्दा आज विधानसभा में उठाया गया। विपक्ष के मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक और कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कडाम ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए राज्य सरकार को घेरा।
शून्यकाल के दौरान इस विषय को उठाते हुए विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने कहा कि सरकार बार-बार अलग-अलग बयान दे रही है। उन्होंने कहा कि खाद्य आपूर्ति मंत्री मीडिया में बयान दे रहे हैं कि उन्होंने 30 रुपये प्रति किलो आलू खरीदा है। आखिर तीस रुपये में उन्होंने आलू किस दुकान से खरीदा? अब आलू 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।
उन्होंने आगे कहा कभी सरकार कह रही है, उत्तर प्रदेश व पंजाब से आलू ट्रेन से आ रहा है। लेकिन क्या ‘डबल इंजन’ सरकार आलू लेकर आ रही ट्रेन क्यों नहीं पहुंच रही है। आपकी डबल इंजन सरकार क्यों काम नहीं कर रही है?
उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि क्या इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने क्या कदम उठाया है वह बतायें। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोई पत्र लिखा गया है और स्थिति स्पष्ट करें।
दूसरी ओर, कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कडाम ने कहा कि राज्य सरकार जिसे डबल इंजन सरकार कहती है, वह आखिर कहां फेल हो गई? महंगाई कम करने की बात कहने के बावजूद आवश्यक वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। आज आलू 60 रुपये किलो तक पहुंच गया है और कल और बढ़ेगा। खाद्य विभाग की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण है। वे केवल बयानबाजी कर रहे हैं।

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