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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने वाल्टेयर डिवीजन के विलय के फैसले पर पुनर्विचार करने की प्रधानमंत्री से अपील की
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भाजपा प्रवक्ता अनिल ने साधा निशाना
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कांग्रेस की विफलताओं और ओडिशा के प्रति अनदेखी को गिनाया
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राजनैतिक महत्वकांक्षा के लिए ओछी राजनीति कर रहे हैं श्रीकांत जेना – अनिल बिश्वाल
भुवनेश्वर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेसे के वरिष्ठ श्रीकांत जेना के बयान के बाद ओडिशा में राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। कांग्रेसी नेता के बयान को लेकर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कांग्रेस सरकार के दौरान ओडिशा के प्रति की गई अनदेखी को लेकर जमकर निशाना साधा है।
जेना ने वाल्टेयर डिवीजन को ईस्ट कोस्ट रेलवे (इकोर) से अलग कर साउथ सेंट्रल रेलवे (एससीआर) में शामिल करने के फैसले का कड़ा विरोध जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में जेना ने जोर देकर कहा कि यह कदम इकोर की संचालन क्षमता और वित्तीय मजबूती को गंभीर रूप से कमजोर करेगा, जो 1996 में अपनी स्थापना के बाद से भारतीय रेल का एक प्रमुख योगदानकर्ता रहा है।
जेना ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इकोर ओडिशा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और देश के शीर्ष राजस्व-सृजन करने वाले रेलवे क्षेत्रों में से एक रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि वाल्टेयर डिवीजन को हटाने से इकोर की कार्यक्षमता बाधित हो सकती है और राज्य की प्रगति में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पटरी से उतर सकती है।
भाजपा प्रवक्ता अनिल बिश्वाल बरसे
इधर, ओडिशा भाजपा के राज्य प्रवक्ता अनिल बिश्वाल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीकांत जेना पर वाल्टेयर डिवीजन के विलय मुद्दे को लेकर “ओछी राजनीति” करने का आरोप लगाया है। बिश्वाल ने दावा किया कि जेना के हालिया बयान व्यक्तिगत राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को साधने के लिए ध्यान आकर्षित करने का प्रयास हैं।
उन्होंने कहा कि जेना अवांछित विवाद उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उन्हें ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सके।
राज्य के हित सुरक्षित हैं
जेना द्वारा पूर्वी तट रेलवे को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए बिश्वाल ने कहा कि राज्य के हित सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि ओडिशा से कोई भी रेलवे ट्रैक दूसरे राज्यों में नहीं जा रहा है और पूर्वी तट रेलवे तीन डिवीजनों के साथ काम करना जारी रखेगा।
रायगड़ा डिवीजन को मिल चुकी है मंजूरी
उन्होंने बताया कि रायगड़ा डिवीजन को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है और टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके अलावा, सबसे ज्यादा राजस्व उत्पन्न करने वाली लाइन, केके लाइन, अब रायगड़ा डिवीजन का हिस्सा होगी। इससे पूर्व तट रेलवे को कोई राजस्व नुकसान नहीं होगा।
साउथ कोस्ट रेलवे जोन का विरोध क्यों नहीं
भाजपा प्रवक्ता ने यह भी सवाल उठाया कि विपक्षी दलों जैसे कि बीजद और कांग्रेस ने साउथ कोस्ट रेलवे जोन के गठन के दौरान विरोध क्यों नहीं किया। उन्होंने पूछा कि जब यूपीए सरकार ने आंध्र पुनर्गठन बिल पारित किया, जिसने साउथ कोस्ट रेलवे ज़ोन के गठन को सक्षम किया, तब बीजद और ओडिशा कांग्रेस कहां थे?
गलत जानकारी फैलाने से बचें
बिश्वाल ने विपक्षी राजनीतिक नेताओं से अपील की कि वे गलत जानकारी फैलाने से बचें और राज्य के विकास में सकारात्मक योगदान देने पर ध्यान केंद्रित करें।